उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में बाल रोग विभागध्यक्ष के थप्पड़ मारने से नाराज जूनियर डाक्टर हड़ताल पर चले गये। यूनीवसिर्टी के कुलपति प्रोफेसर डा. राजकुमार ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आने के बाद जांच कमेटी बना दी गई है। कमेटी में बाहर के सदस्य रखे गए हैं। वह गलत कार्य करने वालों के खिलाफ हैं। विभागाध्यक्ष जूनियर डाक्टर को सिर्फ गलती पर डॉट सकते है, इसका मतलब यह नही कि जूनियर डाक्टर हड़ताल पर चले जायेगे।
दरअसल, बाल रोग विभागाध्यक्ष मरीजों को देखने के लिये राउंड लेते समय रेजिडेंट डाक्टर धर्मेंद, चौरसिया पर नाराज होकर उसकी बात सुने बिना थप्पड़ मार दिया जिससे नाराज रेजिडेंट डाक्टरों ने कुलपति से शिकायत करके विरोध जताया। आज बाल रोग बार्ड में काली पट्टी बांधकर हड़ताल की गई।
इन डाक्टरों का कहना है कि शारीरिक प्रताड़ना की घटना पहले भी होती रही। कभी बीच वार्ड में गंदी गंदी गालियां दी जाती है और बीच वार्ड में मारा पीटा जाता। फिर मुर्गा तक बना दिया जाता। ऐसी स्थिति में रेजिडेंट का बाल रोग विभाग में कार्य करना असंभव हो गया है और जो डाक्टर दूसरे की जान बचाने का काम करते हैं। उन्हें अपने जीवन बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
डाक्टरों ने कुलपति से कहा कि 40 घंटे लगातार काम करने के बाद भी अगर एक डाक्टर को जानवरों की तरह रखा जाएगा और उत्पीड़न किया जाएगा तो कोई रेजिडेंट काम करने में असमर्थ होगा। इसे लेकर उन्होंने बाल रोग विभाग के सारे जूनियर रेजिडेंट हड़ताल पर चले गए और ओपीडी में काम नहीं किया। कुलपति से मुलाकात करने पर कार्रवाई का आश्वासन मिला।