कानपुर : उत्तर प्रदेश की प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरूण का कोविड—19 प्रोटोकॉल के अनुरूप रविवार को यहां भैरोघाट श्मशान भूमि पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जिलाधिकारी डा. ब्रहमदेव राम तिवारी ने बताया कि दिवंगत मंत्री का शव भैरोघाट पहुंचते ही उन्हें ‘‘गार्ड ऑफ ऑनर’’ दिया गया ।
मंत्री कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई थी और राजधानी लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में दो हफ्ते से उनका उपचार चल रहा था। रविवार सुबह लगभग साढे नौ बजे उनकी मृत्यु हो गई।
तिवारी ने बताया कि दोपहर करीब दो बजे कमल रानी वरूण का पार्थिव शरीर लेकर एक एंबुलेंस बर्रा—6 पहुंची। पार्थिव शरीर प्लास्टिक में लिपटा हुआ था। परिवार वालों ने दूर से ही उन्हें श्रद्धांजलि दी । इसके बाद उनका पार्थिव शरीर भैरोघाट ले जाया गया और पूरे राजकीय सम्मान के साथ विद्युत शवदाहगृह में उनका अंतिम संस्कार किया गया ।
अंतिम संस्कार में भाजपा नेता, पुलिस और प्रशासन के अधिकारी, स्वास्थ्य टीम और परिवार के सदस्य मौजूद थे। उन्होंने दिवंगत मंत्री को श्रद्धासुमन अर्पित किये । कमल रानी वरूण उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री थीं और उनके पास प्राविधिक शिक्षा विभाग था। कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाली वह प्रदेश की पहली मंत्री हैं ।
कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें 18 जुलाई को एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था । उन्हें मधुमेह,उच्च रक्तचाप और थायराइड की समस्या थी।