कमलेश तिवारी के हत्यारों के निशाने पर राज्य शिया वक्फ बोर्ड के अघ्यक्ष वसीम रिजवी समेत तीन अन्य लोग भी थे। वसीम को पहले भी हत्या की धमकी मिल चुकी है। कमलेश की हत्या के कुछ दिन बाद वसीम को भी मारने की योजना थी। पूछताछ में पता चला है कि वसीम ने राम जन्मभूमि नाम से एक फिल्म बनाई थी, जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था। इससे कई कट्टरवादी संगठन नाराज थे।
इसके अलावा हरियाणा की एक महिला समेत तीन अन्य लोग भी इनकी हिटलिस्ट में थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हत्यारोपितों की सूची में हिंदू समाज पार्टी के पश्चिमी यूपी प्रभारी गौरव गोस्वामी भी शामिल थे। अशफाक और मोइनुद्दीन ने गौरव से बात कर इटावा आने को कहा था, लेकिन किसी कारण से उन्होंने इन्कार कर दिया था।
कमलेश तिवारी हत्याकांड के मुख्य 2 आरोपियों को लखनऊ लाया गया
आरोपित कमलेश के साथ-साथ गौरव को भी मारने की तैयारी में थे। यही नहीं आरोपित हरियाणा में रहने वाली महिला सोनू डांगर की भी हत्या करना चाहते थे। आरोपितों ने खुफिया एजेंसियों को बताया कि सोनू सोशल मीडिया पर धार्मिक टिप्पणी करती है, जिसके कारण उन्होंने महिला को मारने की योजना बनाई थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हरियाणा पुलिस को सोनू डांगर की हत्या करने के बारे में जानकारी दे दी है। दोनों हत्यारों का कहना था कि उन्हें नहीं पता था कि कमलेश की हत्या पर इतना बड़ा बवाल होगा। इस बीच हत्यारों के मददगार बने बरेली के वकील नावेद को गिरफ्तार कर लखनऊ लाया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।