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कानपुर अपहरण कांड : फिरौती देने के दावे से पलटे परिजन, पुलिसकर्मियों पर लगे आरोपों की जांच शुरू

कानपुर जिले में अगवा किए गए एक व्यक्ति की रिहाई के लिए पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख रुपए फिरौती देने का दावा करने वाले परिजनों ने अब अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उन्होंने कोई रकम नहीं दी।

कानपुर जिले में अगवा किए गए एक व्यक्ति की रिहाई के लिए पुलिस की मौजूदगी में 30 लाख रुपए फिरौती देने का दावा करने वाले परिजनों ने अब अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उन्होंने कोई रकम नहीं दी। अपहृत व्यक्ति संदीप यादव की बहन रुचि ने बुधवार को वायरल वीडियो में कहा ”उस बैग में रुपये नहीं थे। हमने फिरौती की रकम देने की बात कही, क्योंकि किसी ने हमें ऐसा बोलने को कहा था। हमारे भाई का पता नहीं लग रहा है। हम इससे बेहद परेशान हैं। उम्मीद है कि पुलिस उसे ढूंढ लेगी।” 
इस सवाल पर कि क्या उस बैग में पैसे थे, रुचि ने कहा ”नहीं, यह सच नहीं है।” अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) अपर्णा गुप्ता ने कहा कि अपहरणकर्ताओं को फिरौती चुकाये जाने का दावा सही नहीं है। जब अगवा हुए व्यक्ति के परिजन से पूछा गया कि वे वह धन कहां से लाये, तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। बहरहाल, हम अपहृत व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं। 
इस बीच, बर्रा के थानाध्यक्ष तथा कुछ अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा फिरौती की रकम देने का दबाव बनाने के पीड़ित परिजन के आरोप की विभागीय जांच के आदेश दिये गये हैं। पुलिस के प्रवक्ता के मुताबिक बाबूपुरवा हलक़े के पुलिस क्षेत्राधिकारी आलोक सिंह को मामले की जांच कर रिपोर्ट जल्द से जल्द वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सौंपने को कहा गया है। 
आलोक ने ‘भाषा’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गयी है। गौरतलब है कि एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि गत 22 जून को संदीप यादव नामक एक लैब टेक्नीशियन का अपहरण कर लिया गया था। उसकी रिहाई के लिए 30 लाख रुपये फिरौती मांगी गई थी। इस सिलसिले में बर्रा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। 
पीड़ित परिवार ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि पुलिसकर्मियों के जोर देने पर उन्होंने फिरौती के लिए 30 लाख रुपए की रकम इकट्ठा की और उनके कहने पर सोमवार को उसे रेल की पटरी पर फेंक दिया। मगर अपहरणकर्ता लोग उस रकम को ले गए और यादव को छोड़ा भी नहीं। पीड़ित परिवार मंगलवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के दफ्तर पहुंचा और कुछ पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाए। 
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने कहा ‘मैं उस मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान ले रहा हूं जिसमें एक परिवार द्वारा 30 लाख रुपये की फिरौती दिए जाने का मामला सामने आया है। मैं पीड़ित परिवार से बात कर रहा हूं। अगर किसी ने कोई गलती की है तो उसे सजा मिलेगी। हम अपहृत व्यक्ति का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। अगर फिरौती की रकम चुकाई गई है तो उसे भी बरामद किया जाएगा। ‘

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