कानपुर के इत्र व्यापारी पीयूष जैन के परिसरों पर 22 दिसंबर को शुरू हुई छापेमारी में अब तक 195 करोड़ का कैश मिल चुका है। वहीं कन्नौज स्थित पीयूष जैन के पैतृक घर से 19 करोड़ कैश, 10 करोड़ से ज्यादा कीमत का 23 किलो सोना और 6 करोड़ रुपये का चंदन का तेल बरामद हुआ है। इसके साथ ही माल और सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की छापेमारी की कार्रवाई पूरी हो गयी है।
पीयूष जैन के बेटे को अपन साथ ले गई DGGI टीम
बुधवार को समाप्त हुई तलाशी के दौरान कई दस्तावेज, भारी मात्रा में नकदी, सोना और अन्य कीमती सामग्री बरामद की गई। बुधवार सुबह पीयूष जैन के बेटे प्रत्यूष जैन को घर में ताला लगाकर डीजीजीआई की टीम अपने साथ ले गई। डीजीजीआई के एडिशनल डायरेक्टर जाकिर हुसैन ने बताया कि हमने अपना पंचनामा पूरा कर लिया है। यहां मिला सोना हमने डीआरआई को सौंप दिया है। इसके अलावा 19 करोड़ रुपये की नकदी मिली है, जिसे एसबीआई में डिपॉजिट कराया गया है। उन्होंने कहा, ‘उच्चाधिकारियों के मुताबिक यह अब तक की सबसे बड़ी कैश बरामदगी है।’
बेचैनी में टहलता रहा पीयूष जैन
पीयूष जैन को विशेष अदालत ने सोमवार को जैन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। वह इस समय कानपुर जिला जेल में बंद है। वहां देर रात तक वह सोने की बजाय बैरक में टहलता रहा। उसने खाना भी ठीक से नहीं किया। मंगलवार सुबह वह जेल नियमों के अनुसार ही उठा और नाश्ता किया। कुछ अन्य बंदियों ने बात करने की कोशिश की तो उसने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
कैसे कानून के शिकंजे में आया पीयूष जैन?
जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की अहमदाबाद इकाई ने 22 दिसंबर को कानपुर में शिखर ब्रांड पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं के कारखाने परिसर में तलाशी अभियान शुरू किया था। उन्होंने मेसर्स गणपति रोड कैरियर्स, ट्रांसपोर्ट नगर, कानपुर के कार्यालय गोदामों और कानपुर, कन्नौज और मुंबई में मेसर्स ओडोकेम इंडस्ट्रीज के आवासीय/कारखाना परिसरों पर छापेमारी की थी।
बिना किसी जीएसटी कागजात के माल से भरे चार ट्रकों को जीएसटी अधिकारियों ने रोक लिया था। कारखाने में रखे गए वास्तविक स्टॉक को रिकॉर्ड में दर्ज स्टॉक से जोड़ा गया और जीएसटी अधिकारियों ने कच्चे माल और तैयार उत्पादों की कमी पाई। इसने आगे पुष्टि करते हुए कहा कि निर्मार्ता एक ट्रांसपोर्टर की मदद से माल को गुप्त रूप से हटाने में लिप्त था, जो फर्जी इनवाइस जारी करता था।
जीएसटी अधिकारियों ने अब तक 200 फर्जी इनवाइस बरामद की हैं। पान मसाला उत्पादों के ब्रांड शिखर के निर्माताओं ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी कर देनदारी के लिए 3.09 करोड़ रुपए जमा किए हैं। जीएसटी अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार दोपहर तक बरामद और जब्त की गई कुल बेहिसाब नकदी 186.45 करोड़ रुपये है। सीबीआईसी अधिकारियों द्वारा नकदी की यह अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है। अधिकारियों ने कहा कि परिसर से जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है।