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किसान महापंचायत : MSP कानून पर अड़े किसान, टिकैत बोले-मृत किसानों को मिले शहीद का दर्जा

लखनऊ में आज किसानों ने महापंचायत बुलाई। इको गार्डेन पार्क पर किसान मोर्चा की महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान भले ही कर चुके हों, लेकिन किसान एमएसपी पर कानून की मांग को लेकर आंदोलन ख़त्म करने को तैयार नहीं हैं। लखनऊ में आज किसानों ने महापंचायत बुलाई है। इको गार्डेन पार्क पर किसान मोर्चा की महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे। 
महापंचायत में टिकैत ने कहा कि एमएसपी कानून बने और आंदोलन में मृत किसानों का शहीद का दर्जा मिले। इस दौरान उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले 750 किसानों को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग की। राजधानी पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर कानून बनना चाहिए। उन्होंने कहा की दूध के लिए भी एक नीति आ रही है उसके भी हम खिलाफ हैं, बीज कानून भी है। इन सब पर बातचीत करना चाहते हैं।
ओवैसी और बीजेपी के बीच चाचा-भतीजा वाली बॉन्डिंग
राकेश टिकैत ने असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि सीएए कानून वापसी हो वरना यूपी को शाहीन बाग बना देंगे।  टिकैत ने कहा कि ओवैसी और बीजेपी के बीच चाचा-भतीजा वाली बॉन्डिग है। उन्हें इस बारे में टीवी पर बात नहीं करनी चाहिए, वे सीधे पूछ सकते हैं। 
मोर्चा से जुड़े नेताओं की दलील है कि शीत कालीन सत्र में बिल रद्द होने का वह लोग इंतजार करेंगे। लखनऊ की महापंचायत के साथ मोर्चा के लोग सरकार पर इसको लेकर और ज्यादा दबाव बनाने की तैयारी कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा अब फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने पर अड़ा है। 
मोर्चे की ओर से कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार लगातार इस मुद्दे पर किसानों को गुमराह कर रही है कि एमएसपी लागू थी, लागू है और लागू रहेगी। जबकि हकीकत यह है कि किसानों की उपज औने-पौने दामों पर खरीदी जा रही है। संसद से कृषि बिल पास होने व कानून बनने के बाद से किसानों का आंदोलन चल रहा है। 

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