भाकपा (माले) से जुड़े अखिल भारतीय किसान महासभा (एआइकेएमएस) उन्नाव में किसानों पर दमन के खिलाफ 25 को राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन करेगी।
माले की केंद्रीय समिति सदस्य एवं किसान महासभा के प्रदेश सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने शनिवार को यहां बताया कि किसानों पर लाठीचार्ज की घटना के बाद किसान महासभा की चार सदस्यीय टीम ने राज्य उपाध्यक्ष राजीव कुशवाहा के नेतृत्व में उन्नाव का दौरा किया।
प्रदेश सचिव ने कहा कि उन्नाव में भूमि अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया में किसानों से कोई सहमति नहीं ली गयी। किसानों से हर प्रभावित परिवार को नौकरी देने व विकसित जमीन पर 16 फीसदी भूमि देने का वायदा किया गया था। अब राज्य सरकार उससे इनकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार का यह कहना जमीनी सच्चाई से परे है कि वह किसानों को 12.51 लाख रुपए प्रति बीघा की दर से मुआवजा दे रही है। किसानों को सिर्फ 5.51 लाख रूपये बीघा मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि वहां जमीन का बाजार मूल्य 50 लाख रूपये प्रति बीघा चल रहा है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि भूमि के मुआवजे के भुगतान के बिना सरकार द्वारा जबरन भूमि पर कब्जे के खिलाफ यहां के किसान लम्बे समय से शांतिपूर्ण धरने पर बैठे थे। 16 नवम्बर को घटना के समय पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों पर बर्बर हमला किया गया। 40 से ज्यादा किसान घायल हैं। 15 से ज्यादा किसान गिरफ्तार हैं। पुलिस बर्बरता, मुकदमे लादे जाने और धर-पकड़-उत्पीड़न से दहशत के चलते बड़ संख्या में पुरूष किसान गांव छोड़कर चले गये हैं।
उन्होंने किसानों के ऊपर बर्बर हमला करने वाले पुलिस अधिकारियों को दंडित करने, किसानों पर लादे गये मुकदमे वापस लेने, गिरफ्तार सभी किसानों को रिहा करने, अधिग्रहित भूमि का मुआवजा 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के तहत बाजार भाव से चार गुना देने, वायदे के अनुसार किसानों को योजना में 16 प्रतिशत विकसित जमीन और हर परिवार को एक नौकरी देने की मांग की।