राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को उनकी उपलब्धियों के लिए शुभकामनायें देते हुए भावी सफलताओं की कामना की। नायडू ने अपने संदेश में कहा, “आज उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई देता हूं और भावी सफलताओं के लिए शुभकामनाएं देता हूं। इस प्रदेश की लंबी और समृद्ध अध्यात्मिक, पौराणिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और ज्ञान की विरासत रही है जिसने देश का मार्गदर्शन किया है।”
नायडू ने उत्तर प्रदेश के पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व का उल्लेख करते हुए कहा, “यह प्रदेश राम और कृष्ण की जन्मभूमि है, जहां बुद्ध, कबीर, तुलसी और सूरदास जैसी विभूतियों ने मानवता को उदार आध्यात्म का उपदेश दिया तथा अविरल भक्ति के आदर्श स्थापित किए।”
साहित्य में इस राज्य के योगदान का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, “निराला, कैफ़ी आज़मी, पंत और हरिवंश राय बच्चन जैसे विद्वान साहित्यकारों ने देश के आधुनिक बौद्धिक विमर्श को प्रगतिशील दिशा दी।
राजभाषा हिंदी की सेवा में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र तथा जयशंकर प्रसाद जैसी विभूतियों का योगदान अभिनंदनीय है, जिनकी रचनाओं में देश की अध्यात्मिक, सांस्कृतिक विरासत को अभिव्यक्ति मिली।” नायडू ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम और उसके बाद के हर स्वाधीनता आंदोलन में इस प्रदेश के अनेक युवा क्रांतिकारियों और आंदोलनकारियों ने अविस्मरणीय योगदान दिया।
उन्होंने कहा कि अमर शहीद मंगल पांडे, रानी लक्ष्मी बाई, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां जैसे अनेक क्रांतिकारियों के बलिदान को देश की हर पीढ़ी कृतज्ञतापूर्वक याद करती है।
उपराष्ट्रपति ने कहा, “हाल के वर्षों में प्रदेश के पुरुषार्थी नागरिकों ने विकास और जन कल्याण के नए आयाम खोले हैं। प्रगति के आपके प्रयास सफल हों, मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।”
राम नाथ कोविंद ने ट्विटर पर अपने शुभकामना संदेश में लिखा, ‘‘उत्तर प्रदेश दिवस पर राज्य के सभी निवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। उत्तर प्रदेश भारत का ह्रदय प्रदेश है। धर्म, संस्कृति, साहित्य, राजनीति, कला की मुख्य धाराएं यहीं से फूटी हैं। मैं कामना करता हूं कि यह प्रदेश निरंतर प्रगति और विकास की राह पर आगे बढ़। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की स्थापना 24 जनवरी 1950 को हुई थी।