उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में दो सगी दलित नाबालिग बहनों के पेड़ से लटके शव मिलने के बाद जमकर हंगामा हुआ। मृतक लड़कियों की मां का आरोप है कि तीन युवक बाइक से आए और उनकी बेटियों को जबरन घसीट कर ले गए। मामले में पुलिस ने अभी तक चार संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
लखीमपुर खीरी के निघासन थाना इलाके के तमोलीन गांव में हुई इस घटना ने 8 साल पहले के बदायूं कांड को एक बार फिर ताजा कर दिया है। जिस वक्त ये घटना हुई उस वक्त अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी की सरकार थी। तमोलीन गांव की घटना के बाद निघासन इलाके में भारी तनाव का माहौल है।
बहनों को घसीट कर ले गए आरोपी
मृतक लड़कियों की मां ने ग्रामीणों को बताया कि कुछ समय पहले बाइक पर आए तीन युवक उनकी दो बेटियों को जबरन घसीट कर गन्ने के खेत में ले गए। विरोध करने पर उसे लात मारकर गिरा दिया। मां का आरोप है कि उनकी बेटियों का अपहरण कर हत्या कर दी गई है।
अपर एसपी अरुण कुमार सिंह, लखीमपुर खीरी के मुताबिक लखीमपुर कांड में बलात्कार, हत्या और बाल शोषण का मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में एक नामजद और तीन अज्ञात आरोपियों का जिक्र है। लड़कियों की मां ने मीडिया और पुलिस को बताया है कि आरोपी उनकी बेटियों को जबरन मोटरसाइकिल पर बिठाकर ले गए।
घटना की खबर मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। पुलिस ने किसी तरह शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस पर ग्रामीण भड़क गए और निघासन चौराहे पर धरना-प्रदर्शन करने लगे। एसपी संजीव सुमन ने बताया कि दो किशोरियों के शव मिले हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पोस्टमॉर्टम के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
हिरासत में 4 संदिग्ध
आरोपियों पर हत्या और बलात्कार से संबंधित आईपीसी की धाराओं और पॉक्सो के तहत आरोप लगाए गए हैं। अपर एसपी अरुण कुमार सिंह, लखीमपुर खीरी के अनुसार थाने में दी परिजनों की तहरीर में उसी गांव के छोटू और तीन अज्ञात पर केस दर्ज किए गए हैं। इन पर बहनों का अपहरण, रेप और हत्या का आरोप लगा है।
वहीं शवों के पोस्टमार्टम की जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फॉरेंसिक टीम सभी पहलुओं की जांच करेगी। साथ ही अपर एसपी अरुण कुमार सिंह, लखीमपुर खीरी ने कहा कि पुलिस ने देर रात गांव वालों के विरोध के बाद छोटू और तीन अन्य को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।