दुधवा टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र में बाघ के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई। तिकुनिया कोतवाली क्षेत्र के नयापिंड गांव निवासी हरमेश सिंह को मंगलवार को एक बाघ ने गंभीर रूप से घायल कर दिया था । उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने किसी तरह युवक को छुड़ाया और गंभीर हालत में स्थानीय अस्पताल पहुंचाया। उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए निघासन स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया लेकिन मंगलवार की शाम रास्ते में उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार युवक मंगलवार की दोपहर अपने मवेशियों को चरा रहा था तभी बाघ ने उस पर हमला कर दिया ।
ग्रामीण लोगों और किसानों को सचेत रहने की दी चेतावनी
हालांकि, दुधवा टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक बी. प्रभाकर ने मीडिया को बताया कि बाघ ने युवक पर उस समय हमला किया जब वह आरक्षित वन में घुस गया जहां बाघ जैसे बड़े जानवरों का आना-जाना एक सामान्य है। उन्होंने कहा कि हमले के मद्देनजर, गश्ती दलों द्वारा बाघ जैसे बड़े जानवरों की गतिविधियों की निगरानी तेज कर दी गई थी, जबकि ग्रामीणों को आरक्षित वन क्षेत्रों में नहीं जाने और खेतों में काम करते समय सतर्क रहने की चेतावनी दी गई थी।
दुधवा टाइगर रिजर्व की सीमाएं कई क्षेत्रों से मिलती है
दुधवा बफर जोन के उप निदेशक सुंदरेश ने बताया कि नयापिंड गांव, (जहां मृत युवक रहता था), की अपनी सीमायें दुधवा बफर जोन और कतर्नियाघाट अभयारण्य वन क्षेत्रों के साथ मिलती है जो दोनों दुधवा टाइगर रिजर्व के हिस्से हैं। उन्होंने कहा कि आरक्षित वनों में प्रवेश न करने की कई बार सलाह दिए जाने के बावजूद ग्रामीण इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं जिससे ऐसी दुर्घटनाएं होती हैं।