लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि घटना को जानबूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत अंजाम दिया गया। एसआईटी के इस दावे पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने एक बार फिर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को निलंबित करने की मांग तेज कर दी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी।
अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि बीजेपी को अपने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को निलंबित कर देना चाहिए। बीजेपी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी धार्मिक चश्मा पहनती है और सब कुछ धर्म के आधार पर देखती है…।
लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के समक्ष एक आवेदन दायर किया है। इसके तहत 13 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास के आरोपों के अंतर्गत उनके अपराध को दंडनीय बनाने के लिए नई धाराओं को शामिल करने का अनुरोध किया गया है।
साजिश के तहत लखीमपुर हिंसा को दिया गया अंजाम, प्रियंका ने की अजय मिश्रा की भूमिका की जांच की मांग
एसआईटी द्वारा दायर आवेदन में अब तक की छानबीन और साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र और उसके सहयोगियों द्वारा जानबूझकर, सुनियोजित साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया था।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा समेत उसके 13 साथियों द्वारा लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है। जांच अधिकारी दिवाकर ने सीजेएम को दिए गए आवेदन में उपरोक्त मुकदमे का संदर्भ देते हुए कहा है कि मुकदमा अपराध संख्या 219/21 में धारा 147, 148, 149, 279, 338, 304 ए, 302 और 120 बी के तहत आशीष मिश्रा समेत अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।