उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में कए से कुचल कर मारे गए 4 किसानों के लिए ‘अंतिम अरदास’ मंगलवार को यानी कल की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के एक पदाधिकारी ने कहा कि किसी भी नेता को ‘अंतिम अरदास’ में मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, वहां केवल संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मौजूद रहेंगे। जिस स्थान पर हिंसा हुई थी उसके समीप ही ‘अंतिम अरदास’ का आयोजन किया जा रहा है। किसान मोर्चा के किसान आंदोलन को देखते हुए प्रदेश के 13 जिलों में 20 सीनियर पुलिस अफसर भी तैनात किए गए हैं ।
भारतीय किसान यूनियन-टिकैत के जिलाध्यक्ष अमनदीप सिंह संधू और जिला उपाध्यक्ष बलकार सिंह ने सोमवार को कहा, ” मृत किसानों के लिए मंगलवार (12 अक्टूबर) को तिकोनिया में ‘अंतिम अरदास’ की जाएगी। संधू ने कहा, विभिन्न राज्यों और जिलों के किसान तथा नेता तिकोनिया में ‘अरदास’ और ‘भोग’ कार्यक्रम में भाग लेंगे।
अरदास में विभिन्न नेताओं की भागीदारी पर, बलकार सिंह ने कहा, किसी भी राजनीतिक नेता को मंच साझा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी वहां केवल संयुक्त किसान मोर्चा के नेता ही मौजूद रहेंगे। केंद्र के तीन नए विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आरोप लगाया कि पूर्व नियोजित साजिश के तहत हिंसा की गई।उन्होंने इसके लिए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी की भी मांग की थी ।
शनिवार देर रात 12 घंटे की पूछताछ के बाद आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया था। किसान संघों ने कहा है कि अगर सरकार 11 अक्टूबर तक उनकी मांगों को नहीं मानती है तो वे मारे गए किसानों की अस्थियों को लेकर लखीमपुर खीरी से ‘शहीद किसान यात्रा’ निकालेंगे। एसकेएम ने 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक देश भर में ‘रेल रोको’ आंदोलन और 26 अक्टूबर को लखनऊ में ‘महापंचायत’ करने का आह्वान किया।