तालिबान ने अफगानिस्तान में एक बार फिर अपनी पैठ मजबूत कर ली है। अफगान में तालिबान की मजबूती का असर दुनियाभर में चिंता का विषय बनकर उभरा है। इस बीच साधु संतो की जानी-मानी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने तालिबान पर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि तालिबान का मजबूत होना हिन्दुस्तान के लिए शुभ संकेत नहीं है।
महंत गिरी ने मंगलवार को कहा कि तालिबानी सोच रखने वाले लोग देश में रहकर उसके खिलाफ लगातार षडयंत्र रचने का कार्य कर रहे हैं। वह एक साजिश के तहत मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या बढ़ा रहे हैं, जो देश के लिए बिल्कुल शुभ संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग तालिबानी जुबान बोलते हैं और देश में रहकर उसके खिलाफ नारे लगाते हैं, ऐसे लोग आतंकवादी की श्रेणी में आते हैं। तालिबान कोई देश नहीं, वह आतंकवदियों का गढ़ है।
उन्होंने कहा कि वर्ग विशेष के कुछ धर्म गुरू व अन्य लोग तालिबानी समर्थक बने हैं। उन्होंने कहा कि यहां रहकर तालिबान का समर्थन करना दुर्भाज्ञपूर्ण है। ऐसे लोगों के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि इनकी संख्या में वृद्धि होती है तो देश के लिए समस्या और जटिल हो जाएगी।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक ऐसा कानून लाना चाहिए जो समान रूप से सभी राज्यों में लागू हो। उन्होंने कहा कि समय रहते यदि ऐसा नहीं किया गया तो देश एक गंभीर समस्या के मुहाने पर जाकर खड़ा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि तालिबानी सोच रखने वाले अपनी जनसंख्या बढ़ाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अनुरोध किया कि जहां महिलाओं का सम्मान न/न हो, व स्वतंत्र होकर कोई कार्य नहीं कर सके,ऐसे देश का समर्थन क्यों किया जाए।
उन्होंने कहा कि सभी मुस्लिम तालिबानी सोच के नहीं है। वह भारत में रहते हैं तो देश के विकास और हिफाजत का प्रयास करते हैं। शहीद वीर अब्दुल हमीद को पूरा राष्ट्र नमन करता है। वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान वीर अब्दुल हमीद ने न/न सिर्फ दुश्मन के दांत खट्टे किए, बल्कि पाक के कई पैटन टैंकों के परखच्चे उड़ा दिए थे।