उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास प्राधिकरण तथा आवास एवं विकास परिषद अपनी कार्य सम्पादन की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाये ताकि आमजन का भरोसा इन संस्थानों के प्रति और पुख्ता हो सके। श्री योगी ने मंगलवार शाम अपने सरकारी आवास पर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की समीक्षा करते हुये कहा कि विकास प्राधिकरणों तथा उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की शहरों के नियोजित विकास एवं शहरी आबादी की ‘ईज आफ लिविंग’ में महत्वपूर्ण भूमिका है। यह संस्थाएं इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार कर लागू करें।
विकास प्राधिकरण तथा आवास एवं विकास परिषद को अन्य संस्थाओं जैसे नगर निगम, स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय एवं संवाद बनाकर कार्य करना चाहिए। सरल और पारदर्शी कार्यप्रणाली के लिये व्यापक तौर पर तकनीक के प्रयोग को बढ़वा दिया जाए। इससे इन संस्थाओं के प्रति आम जनमानस में भरोसा बढ़गा। इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उप, आवास एवं विकास परिषद, लखनऊ विकास प्राधिकरण, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, कानपुर विकास प्राधिकरण तथा वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा भी प्रस्तुतीकरण किए गए।
मुख्यमंत्री ने सभी मण्डलायुक्तों को निर्देश दिए कि वह अपने कार्यक्षेत्र से सम्बन्धित विकास प्राधिकरणों, आवास विकास परिषदों, स्मार्ट सिटी के कार्यों तथा मण्डल के अन्तर्गत नगर निकायों में अमृत योजना के कार्यों की समीक्षा कर रिपोर्ट एक सप्ताह के अन्दर मुख्यमंत्री कार्यालय एवं प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट तथा प्राप्त अन्य फीडबैक के आधार पर उनके द्वारा शीघ, ही इन संस्थाओं के कार्यों और प्रगति की विस्तृत समीक्षा की जाएगी।
श्री योगी ने कहा कि सरकार द्वारा आनलाइन नक्शों को सात दिन में स्वीकृत करने की व्यवस्था बनायी गई है। विभिन्न विकास प्राधिकरणों में निर्धारित अवधि से अधिक समय से आनलाइन नक्शों की स्वीकृति लम्बित है। उन्होंने प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को निर्देश दिए कि निर्धारित अवधि से अधिक समय से आनलाइन नक्शों के लम्बित मामलों की समीक्षा कर शिथिलता के लिए सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए सख्त कार्रवाई की जाए।
उन्होने कहा कि एकमुश्त समाधान योजना के अन्तर्गत आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। योजना को सफल बनाने के लिए समाधान योजना की प्रतिदिन समीक्षा करते हुए जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाए। विकास प्राधिकरण तथा आवास एवं विकास परिषद द्वारा अफोर्डेबल हाउसिंग के अन्तर्गत बड़ योगदान किया जा सकता है। इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के कार्यों को विशेष रुचि लेकर तेजी से आगे बढ़या जाए।