‘मनीष गुप्ता हत्याकांड’ में पुलिसवालों की गिरफ़्तारी न होना ये दर्शाता है कि वो फ़रार नहीं हुए हैं उन्हें फ़रार कराया गया है। दरअसल कोई आरोपियों को नहीं बल्कि ख़ुद को बचा रहा है क्योंकि इसके तार ‘वसूली-तंत्र’ से जुड़े होने की पूरी आशंका है।
‘ज़ीरो टालरेंस’ भी भाजपाई जुमला है। pic.twitter.com/BBf4gLDJor
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 1, 2021
गौरतलब है कि सोमवार देर रात को गोरखपुर जिले के रामगढ़ ताल इलाके में पुलिस ने एक होटल में तलाशी ली थी। आरोप है कि किसी अन्य व्यक्ति के पहचान पत्र के आधार पर होटल के एक कमरे में रुके तीन व्यवसायियों से पूछताछ के दौरान पुलिस ने उन्हें मारा पीटा था। सिर में चोट लगने से उनमें से मनीष गुप्ता (36) नामक कारोबारी की गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। मामले में आरोपी सभी छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। घटना के वक्त गुप्ता अपने दो दोस्तों के साथ होटल में ठहरे हुए थे।