उत्तर प्रदेश पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि पिछले सोमवार को गोरखपुर के होटल में कारोबारी मनीष गुप्ता ने पूछताछ के दौरान पुलिस से सहयोग नहीं किया और भागने की कोशिश के दौरान गिरने से सिर में चोट लगने पर उसकी मौत हो गई।
मनीष ने जांच में नहीं किया सहयोग – ADG प्रशांत कुमार
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने वहां संवाददाताओं से बातचीत दावा किया कि कारोबारी मनीष गुप्ता ने होटल में निरीक्षण के दौरान पूछताछ में पुलिस का सहयोग नहीं किया था। उन्होंने कहा , “गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सभी जगह चेकिंग के आदेश दिए थे। उस संबंध में एक होटल में चेकिंग की गई जहां एक कमरे में तीन लोग थे। दो व्यक्तियों के पास पहचान पत्र था। एक के पास नहीं था। जब पूछताछ की गई उन्होंने (मनीष) पूछताछ में सहयोग नहीं किया और उन्होंने निकलकर भागने की कोशिश की।”
पुलिस का दावा , गिरकर चोट लगने से हुई मौत
कुमार ने दावा किया कि भागने के दौरान गिरने से मनीष को चोट आई और उसे जब उपचार के लिए ले जाया गया तो उसकी मृत्यु हो गई। गौरतलब है कि गत सोमवार देर रात गोरखपुर जिले के रामगढ़ ताल इलाके में पुलिस ने एक होटल में तलाशी ली थी। आरोप है कि किसी अन्य व्यक्ति के पहचान पत्र के आधार पर होटल के एक कमरे में रुके तीन व्यवसायियों से पूछताछ के दौरान पुलिस ने उन्हें मारा पीटा था। सिर में चोट लगने से उनमें से मनीष गुप्ता (36) नामक कारोबारी की गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी।
इस मामले के आरोपी सभी छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करके उन्हें निलंबित कर दिया गया है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार की कड़ी निंदा करते हुए प्रकरण की सीबीआई से जांच की मांग की है।