कुछ दोस्त गोरखपुर के एक होटल में एक कमरे में थे। तभी पुलिस आई और पूछताछ करने लगी। इसके बाद क्या हुआ, उसे लेकर दावे-आपत्तियां होती रहेंगी, लेकिन ये तथ्य है कि मनीष गुप्ता की जान चली गई। कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की संदिग्ध मौत के बाद से यूपी में पुलिस की कार्यप्रणाली पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में आरोपी बनाए गए पुलिसकर्मियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इस बीच रविवार को मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने गोरखपुर से फरार पुलिसवालों से खुद की और परिवार की जान को खतरा बताया।
मीनाक्षी ने कहा कि जब पुलिस ने बिना किसी वजह के उनके पति को मार डाला तो उन्हें मारने के लिए तो पुख्ता वजह है। उन्होंने कहा कि 60 घंटे बाद आरोपी पुलिसवाले फरार हैं। उनकी इस फरारी से पूरा परिवार संकट में हैं। जब वे बिना किसी वजह के मनीष की हत्या कर सकते हैं तो मुझे मारने की तो उनके पास वजह है। मैंने उन पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। मैं इंसाफ के लिए लड़ रही हूं।
क्या हुआ था मनीष के साथ होटल में ?
मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप सिंह चौहान के साथ सोमवार सुबह गोरखपुर घूमने गए थे। यहां ये लोग होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे। हरदीप ने बताया कि सोमवार रात 12:30 बजे पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। मनीष को सोते हुए जगाया तो उन्होंने पूछा इतनी रात में चेकिंग किस बात की हो रही है। क्या हम आतंकी हैं? इस पर पुलिस वालों ने उसे पीटना शुरू दिया। इसके बाद घायल मनीष को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद से ही गोरखपुर पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर शुरू से ही सवाल उठ रहे हैं।