उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के शेरगढ़ क्षेत्र के गांव अगरयाला में शनिवार को पांच साल का बच्चा प्रवीण गहरे बोरवेल में गिर गया। सेना ने पुलिस और प्रशासन के साथ उसे बचाने के लिए ‘ऑपरेशन जिंदगी’ शुरू किया, जो सफल रहा। प्राप्त विवरण के अनुसार हादसा छाता तहसील के गांव शेरगढ़ के अगरयाला के जंगल में हुआ।
गांव निवासी दयाराम अपनी पत्नी सूरजो के साथ मजदूरी पर गेहूं काटने के लिए गया हुआ था। वह अपने साथ पांच साल के बेटे प्रवीण को भी ले गए थे। गेहूं कटाई करने के बाद दोपहर करीब तीन बजे दयाराम अपनी पत्नी और बेटे के साथ हुकुम सिंह के खेत में पेड़ के नीचे आराम करने लगा। इस बीच उसका पांच साल का बेटा प्रवीण खेलते-खेलते खेत में खुले पड़े बोरवेल की गहराई देखने के चक्कर में उसमें जा गिरा।
वह 72 फीट की गहराई पर अटक गया था। दुर्घटना की जानकारी मिलते दंपति ने शोर मचाया तो आसपास के लोग इकट्ठे हो गए। तुरंत ही पुलिस व प्रशासन को घटना की सूचना दी गई। कुछ ही देर में स्थानीय स्तर की रेस्क्यू टीम भी पहुंच गई। सेना को भी बुला लिया गया था। बोरवेल तक पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई गई। रेस्क्यू टीम ने बोरवेल के बगल में खुदाई की ताकि बच्चे तक पहुंचा जा सके।
रात को अंधेरा हो जाने पर वहां प्रकाश की व्यवस्था करके बच्चे को सुरक्षित निकालने के प्रयास लगातार जारी रहा। वहीं बच्चे की सलामती के लिए दुआ भी की जा रही थी। बोरवेल में गिरे बच्चे की मां तो तभी बेहोश हो गई थी जब उसे पता चला कि उसका सबसे छोटा बेटा बोरवेल में गिर गया है। दयाराम व सूरजो के पांच बच्चों (तीन भाई और दो बहनों) में प्रवीण सबसे छोटा है।
छाता के उप जिलाधिकारी आरडी राम ने बताया, ‘करीब साढ़े आठ घंटे तक सेना और पुलिस ने ऑपरेशन जिंदगी चलाया। रात तकरीबन 12 बजे 9 घण्टे की मशक्कत के बाद मासूम प्रवीण को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।’ उन्होंने बताया, ‘बोरवेल से निकालने के बाद उसे एबुंलेस से तुरंत से जिला अस्पताल ले जाया गया।
मेडिकल चेकअप के बाद डॉक्टरों ने उसकी हालत खतरे से बाहर बताई है। उधर, मासूम के सुरक्षित आने पर परिजनों की आंखों से दुख के आंसू तो थम गए लेकिन खुशी के आंसू फूट पड़े। उन्होंने सेना और पुलिस का धन्यवाद किया।’