मथुरा के एक जिला अदालत में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा मिली है। दरअसल दस साल पहले दिनदहाड़े हुई एक हत्या के मामले में तीन अभियुक्तों को जिला अदालत नें आजीवन करावास की सज़ा मुक़र्रर की है तथा 15 हज़ार रुपय का जुर्माना भी लगाया गया है। मामले का एक दोषी पहले से ही जेल में था जबकि दो अन्य को शनिवार को जमानत निरस्त कर जेल भेज दिया गया था। सरकारी वकील ने यह जानकारी दी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता का बयान
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश उपाध्याय ने मंगलवार को बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 13 गवाह प्रस्तुत किए गए। दोनों पक्षों के गवाहों, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य एवं दलीलें सुनने के बाद सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) कमलेश कुमार पाठक की अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
उपाध्याय ने बताया कि घटना रिफाइनरी क्षेत्र के भुड़रसू गांव निवासी महिला त्रिवेणी से संबंधित है, जो 10 मार्च 2012 को जेल में बंद अपने बेटे भूरा से मिलकर गांव लौट रही थी। महिला के साथ उसका दूसरा बेटा सुरेश और दामाद पप्पू भी था।
सुरेश पर तमंचे से गोली दागी गई थी
उन्होंने बताया कि तीनों पप्पू की मोटर साइकिल पर एक साथ लौट रहे थे कि तभी दोपहर में लगभग दो बजे आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुष्पा फार्म हाउस के समीप गांव के ही दूसरे पक्ष के रन्नो उर्फ रनवीर, नारायण सिंह व हाकिम ने उसके पुत्र सुरेश पर तमंचे से गोली दाग दी। उन्होंने बताया कि इस हमले से सुरेश गंभीर रूप से घायल हो गया तथा त्रिवेणी और उसके दामाद पप्पू को भी कुछ छर्रे लग गए। वे लोग सुरेश को तुरंत अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले में त्रिवेणी ने तीनों अभियुक्तों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।