मथुरा थाने से भाजपा पार्षद द्वारा चोरी किये गये बच्चे को बरामद कर पुलिस मानव तस्करी के गिरोह का पर्दाफाश करने में सफल रही है। हाथरस के बांके बिहारी अस्पताल के संचालन चिकित्सक दंपत्ति को एक बच्चे को चोरी करने और बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह दंपति मानव तस्करी में शामिल था। पूछताछ में डॉक्टर दंपत्ति ने कई अहम राज खोले हैं।
एसपी रेलवे मो. मुश्ताक अहमद ने बताया कि बच्चा चोरी करने वाले गिरोह के सरगना डॉक्टर दंपति हैं, जो हाथरस निवासी बांके बिहारी अस्पताल के संचालक हैं। दोनों बच्चों को बेचने के लिए चोरी करने का एक सुव्यवस्थित गिरोह चलाते हैं, जिसमें गिरोह के कुछ सदस्य बच्चों को चुराते हैं और कुछ लोग निःसंतान दंपतियों या ग्राहकों को खोजने का काम करते हैं जो बच्चे चाहते हैं। बाल-प्रेमियों की तलाश पूरी होते ही बच्चा चोर सक्रिय हो गए। बच्चे की राशि खरीदार की स्थिति के अनुसार तय की गई थी। गिरोह के सरगना ने कई अहम राज खोले हैं। गिरोह में शामिल कई अन्य लोगों के नाम भी सामने आए हैं। इनकी तलाश के लिए टीमें लगाई गई हैं। जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
दो लाख में की थी मासूम की डील
मथुरा जंक्शन से चोरी हुए सात माह के संजय को बच्चा चोर गिरोह दो लाख रुपए में ले गया। इसमें से 1 लाख 80 हजार रुपये की राशि गिरोह को मिली थी। शेष राशि कुछ दिनों बाद देने का निर्णय लिया गया, लेकिन उससे पहले ही पुलिस बच्चे के खरीदार के घर पहुंच गई।
गिरफ्तार लोगों के पास से जीआरपी टीम ने 85 हजार रुपये भी बरामद किए हैं. एसपी रेलवे मो. मुश्ताक ने बताया कि बच्चे का सौदा दो लाख रुपये में किया गया था।
ग्राहकों की तलाश करती थीं आशा बहुएं व एएनएम
मानव तस्करी का गैंग चलाने वाले डॉक्टर दंपत्ति ने गिरोह में शामिल लोगों को जिम्मेदारी बांटी थी। डॉक्टर दंपत्ति के गिरोह में शामिल आशा बहुओं व एएनएम को बाल-प्रेमियों की तलाश की जिम्मेदारी दी गई है।
आशा की बहुएं व एएनएम ग्राहक को ढूंढ़कर उससे एडवांस राशि लेकर डॉक्टर दंपत्ति को डिमांड नोट बनाती थीं। इसके बाद डॉक्टर दंपत्ति बच्चा चोरों को काम पर लगा देते। बच्चा मिलते ही ग्राहक को सूचना दी गई और फर्जी दंपत्ति के माध्यम से बच्चे को ग्राहक को दे दिया गया।
पार्षद ने पहले भी खरीदा था बच्चा, तबीयत खराब होने पर लौटा दिया
मथुरा फिरोजाबाद के पार्षद ने भी करीब 15 दिन पहले हाथरस के डॉक्टर दंपत्ति से तीन दिन का बच्चा खरीदा था। जब यह बच्चा बीमार हुआ तो पार्षद ने इस बच्चे को वापस डॉक्टर दंपत्ति को दे दिया और स्वस्थ बच्चे की मांग की।
जीआरपी प्रभारी निरीक्षक सुशील कुमार ने बताया कि चिकित्सक दंपती ने पार्षद को आश्वासन दिया कि वह कुछ दिनों में उन्हें स्वस्थ बच्चा देंगे। बाद में डॉक्टर दंपत्ति ने सात माह के संजय को लूट कर पार्षद को सौंप दिया।