भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने बसपा सुप्रीमो मायावती को आडे़ हाथ लेते हुए गुरूवार को कहा कि पार्टी के नाम पर निजी कम्पनी चला रही मायावती को संवैधानिक संस्थाओं पर कोई भरोसा नहीं है ।
पाण्डेय ने कहा, ”दो दिन पहले जब मायावती की तुष्टिकरण वाली जुबान चुनाव आयोग ने बंद की थी तो उन्होंने आयोग को भी जातिवादी बता दिया था ।”
उन्होंने कहा, ”पार्टी के नाम पर निजी कम्पनी चला रहीं मायावती … आपको संवैधानिक संस्थाओं पर कोई भरोसा नहीं है ? तभी तो हार की भनक लगते ही आपने ईवीएम-ईवीएम चिल्लाना शुरू कर दिया था और अब मंदिर-मंदिर का राग अलाप रही हैं ।”
संदिग्ध बनी हुई है पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका : मायावती
पाण्डेय ने कहा कि संविधान सबको आस्था का अधिकार देता है, जिसमें मंदिर जाना भी शामिल है । दलित भाई-बहनों को लेकर मायावती के पेट में दर्द हम समझ सकते हैं । जिनको वोट बैंक बनाकर वह टिकट बेचती रहीं, जिनसे हाथ मिलाने के बाद उनके प्रत्याशी साबुन से हाथ धोते हैं, जिनका प्रवेश उनके बंगले में वर्जित है, आज वह मोदी-योगी राज में मिल रहे सम्मान व विकास के साथ खड़े हैं । यह मायावती की पीड़ा का कारण है ।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मंदिर जाना हमारा संवैधानिक अधिकार है और मायावती को मंदिर जाने से किसी ने नहीं रोका है । वह भी मंदिर जाकर ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करें ।
पाण्डेय ने कहा कि सभी को अच्छी तरह से याद है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भी मायावती बार-बार कभी मीडिया के सामने जाकर तो कभी टिवटर के माध्यम से ऊटपटांग बयानबाजी करती रही हैं । दरअसल तब भी हार का अहसास था और आज भी हार का आभास है ।