उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे ही नेताओं का एक दल छोड़ दूसरे दल में शामिल होने का सिलसिला शुरू हो गया। बहुजन समाज पार्टी के छह निलंबित विधायकों के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के एक दिन बाद बीएसपी प्रमुख मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए दलबदलुओं को ‘बरसाती मेंढक’ करार दिया है।
मायावती ने रविवार को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘‘उत्तर प्रदेश विधानसभा आम चुनाव नजदीक आने पर अब फिर से आए दिन दलबदलू लोगों के इस पार्टी से उस पार्टी में आने-जाने का दौर शुरू हो गया है किन्तु इससे किसी भी पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं है, बल्कि इससे उन्हें हानि ही होगी। अतः बसपा के लोग ऐसे बरसाती मेंढकों को पार्टी से दूर ही रखें।”
2. केवल दलबदलू ही नहीं बल्कि बरसाती मेंढकों की तरह अनेकों ऐसी पार्टियों के नाम भी लोगों को सुनने को मिल रहे हैं जिनके नाम अब तक देखने-सुनने को नहीं मिले थे। सत्ता लोलुपता के ऐसे खेल को जनता खूब समझती है व इससे उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। परिवर्तन अटल है।
— Mayawati (@Mayawati) October 31, 2021
उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘केवल दलबदलू ही नहीं बल्कि बरसाती मेंढकों की तरह अनेक ऐसी पार्टियों के नाम भी लोगों को सुनने को मिल रहे हैं जिनके नाम अब तक देखने-सुनने को नहीं मिले थे। सत्ता लोलुपता के ऐसे खेल को जनता खूब समझती है तथा इससे उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। परिवर्तन अटल है।”
गौरतलब है कि शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सीतापुर सदर से बीजेपी विधायक राकेश राठौर और बसपा के निलंबित विधायक असलम राइनी (भिनगा), सुषमा पटेल (मड़ियाहूं), हर गोविंद भार्गव (सिधौली), हाकम लाल बिंद (हंडिया), मुजतबा सिद्दीकी (फूलपुर) और असलम अली चौधरी (धौलाना) ने सपा की सदस्यता ग्रहण की।
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य हरेंद्र मलिक और उनके पुत्र एवं पूर्व विधायक पंकज मलिक सपा में शामिल हुए थे। वहीं, बीएसपी के विधायक और पूर्व मंत्री लालजी वर्मा तथा रामअचल राजभर भी सपा में शामिल होने का एलान कर चुके हैं।