उत्तर प्रदेश के हालिया विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। बसपा की अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को इस मामले में एक गंभीर समीक्षा बैठक की, जिसमें कई अहम फैसले लिए।
अब प्रत्येक तीन मंडल पर एक ज़ोन होगा
मायावती ने बैठक के बाद सेक्टर प्रभारी व भाईचारा कमेटी व्यवस्था को खत्म कर दिया है। अब प्रत्येक तीन मंडल पर एक ज़ोन होगा। नई व्यवस्था में प्रदेश के 3 नए प्रभारी बनाए गए हैं यह जिम्मेदारी मुनकाद अली,राजकुमार गौतम और डॉक्टर विजय प्रताप को सौंपी गई है। प्रदेश प्रभारी मायावती को सीधे रिपोर्ट करेंगे।
Lucknow | Bahujan Samaj Party chief Mayawati chairs review meeting with the party leaders on the party’s performance in the recently concluded Assembly elections pic.twitter.com/NqhleWbxiQ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 27, 2022
बैठक में विचार विमर्श के बाद सेक्टर प्रभारी और भाईचारा कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया
बैठक में प्रदेश के सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के साथ सेक्टर प्रभारी ,जिला अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष के साथ भाईचारा कमेटी के सदस्यों को बुलाया गया था। मायावती ने बैठक में विचार विमर्श के बाद सेक्टर प्रभारी और भाईचारा कमेटी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की बसपा में आज वापसी हो गई है। मायावती ने उनकी वापसी की जानकारी पार्टी पदाधिकारियों को दी।
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हमको चुनाव में हार से घबराना नहीं है
वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में गुड्डू जमाली आजमगढ़ से चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले मायावती ने भाजपा की जीत पर कहा था कि इस बार का चुनाव परिणाम आगे के लिए सबक हैं। हमको चुनाव में हार से घबराना नहीं है। हर बार की तरह ही इस बार भी बसपा के बारे में गलत प्रचार हुआ था। सपा ने तो हमें भाजपा की बी टीम बताया था।
यह चुनाव परिणाम आगे के लिए सबक हैं
मायावती ने कहा कि यह तो सत्य है, अगर मुस्लिम-दलित वोट मिल जाता तो भाजपा हमसे हार जाती। मायावती ने कहा कि कल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा की उम्मीद के विपरीत जो नतीजे आए हैं, पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ता को उससे घबराकर व निराश होकर टूटना नहीं है। उसके सही कारणों को समझकर और सबक सीखकर हमें पार्टी को आगे बढ़ाना है और आगे चलकर सत्ता में जरूर आना है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव परिणाम आगे के लिए सबक हैं। इस बार भी बसपा के बारे में गलत प्रचार हुआ है। सभी इससे सजग रहें।