लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

BSP के ब्राह्मण सम्मेलन ने सबकी उड़ाई नींद, इसे रोकने के लिये अपना रहे हैं तरह-तरह के हथकंडे : मायावती

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज कहा कि पार्टी के राज्य में चल रहे ब्राह्मण सम्मेलन से विपक्ष की नींद उड़ गई है और इसे रोकने के लिये तरह तरह से हथकंडे अपनाये जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा के चुनाव को लेकर ब्राम्हण वोटों के लिए सियासी संग्राम छिड़ गया है। भाजपा ने कांग्रेस के नेता जितिन प्रसाद को पार्टी में शामिल कर ब्राम्हणों को संदेश देने का प्रयास किया है। तो वहीं बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मणों को ध्यान में रखकर अयोध्या से प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरुआत की है। इस बीच बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने आज कहा कि पार्टी के राज्य में चल रहे ब्राह्मण सम्मेलन से विपक्ष की नींद उड़ गई है और इसे रोकने के लिये तरह तरह से हथकंडे अपनाये जा रहे हैं।

उन्होंने आज ट्वीट में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से इससे सावधान रहने को कहा है। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्र उनके निर्देश पर ब्राहम्ण सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं जिसे प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन का नाम दिया गया है। सम्मेलन के परिणाम अब तक उत्साह जनक हैं। इससे विपक्ष पूरी तरह से परेशान है। अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के बाद मिश्र ने सम्मेलन की शुरूआत की है। सम्मेलन अंबेडकरनगर और प्रयागराज में आयोजित किया गया है।

बता दें कि बसपा ने 2007 में पहली बार सोशल इंजीनियरिंग का ताना-बाना बुना था। ब्राह्मणों को जोड़ने का यह पूरा फारम्यूला सतीश चंद्र मिश्रा ने तैयार किया था। उसके परिणाम भी अच्छे आए सरकार भी बनी। लेकिन वर्ष 2012 में बसपा का यह फार्मूला ना सिर्फ फेल हुआ बल्कि उसको सत्ता से भी बाहर कर दिया।
बहुजन समाज पार्टी को लगता है कि 2007 वाला फॉर्मूला अगर सफल हुआ तो चुनावी वैतारिणी पार करने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसी बात ख्याल रखते हुए उसने धार्मिक स्थलों से प्रबुद्ध सम्मेलन की शुरुआत की है। हालांकि उसने इस सम्मेलन को ब्राम्हण बाहुल क्षेत्रों में न जाकर धार्मिक स्थान को चुना है। उसे लगता है, इससे बड़ा संदेष जाएगा। बसपा रणनीतिकार मानते हैं कि दलित, मुस्लिम और ब्राम्हण वोट बैंक अगर मिला तो बड़ा गेमचेंज हो जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × 3 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।