उत्तर प्रदेश में बसपा ( बहुजन समाज पार्टी ) प्रमुख मायावती ने गुरुवार को अंबेडकर जयंती के अवसर पर विरोधी दलों की सरकारों को जातिवादी करार देते हुए आरोप लगाया है कि जातिवादी सरकारें उपेक्षित वर्ग के नेताओं को अपने समाज का भला करने की छूट नहीं देती हैं और यदि कोई कुछ करने का प्रयास करता है तो उसे दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल कर बाहर कर दिया जाता है। मायावती ने संविधान निर्माता डा भीमराव अंबेडकर की 131वें जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए देश में आज भी दलित और उपेक्षित समाज की दयनीय स्थिति को अत्यंत दुखद बताया है।
जातिवादी सरकारें उपेक्षित वर्ग के नेताओं को अपने समाज का भला करने की छूट नहीं देती हैं : मायावती
बसपा प्रमुख ने सोशल मीडिया पर अपने संदेश में कहा, संविधान शिल्पी परमपूज्य बाबा साहेब डा। भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उनके अनुयाइयों की ओर से उन्हें शत्-शत् नमन व हार्दिक श्रद्धा-सुमन। करोड़ कमजोर व उपेक्षित वर्गों तथा मेहनतकश समाज आदि के हित व कल्याण के प्रति उनके महान व ऐतिहासिक योगदान के लिए देश हमेशा ऋणी व कृतज्ञ।
मायावती ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अन्य विरोधी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘जातिवादी सरकारें उपेक्षित वर्ग के नेताओं को अपने समाज का भला करने की छूट नहीं देती हैं। यदि कोई कुछ करने का प्रयास करता है तो उसको दूध की मक्खी की तरह निकाल-बाहर कर दिया जाता है, जैसा कि अब तक यहाँ होता रहा है। इसीलिए इन वर्गों की हालत अभी तक मजबूर व लाचार, यह अति-दु:खद।
बाबा साहब की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए
मायावती ने इस स्थिति से निपटने के लिए उपेक्षित एवं शोषित वर्गों में आत्मसम्मान जगाने के बसपा के आंदोलन को झुकने नहीं देने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, जातिवादी मानसिकता से ग्रस्त विरोधी पार्टियों व इनकी सरकारें बाबा साहेब डा अम्बेडकर के संघर्षों व संदेशों की कितनी ही अवहेलना करके उनके अनुयाइयों पर शोषण, अन्याय-अत्याचार व द्वेष आदि जारी रखें, किन्तु उनके आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का बीएसपी मूवमेन्ट रुकने व झुकने वाला नहीं है।
अंबेडकर जयंती के अवसर पर मायावती ने आज सुबह यहां स्थित बसपा के प्रदेश कार्यालय में बाबा साहब की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए । इस मौके पर बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी उपस्थित थे।