सेना में भर्ती संबंधी केंद्र की नयी योजना ‘अग्निपथ’ को लेकर देशभर में आज विभिन्न दलों द्वारा भारत बांध का आह्वान किया गया है। वहीं विपक्ष भी इस योजना को लेकर बीजेपी सरकार पर हमलावर है। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी पर निशान साधते हुए अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की।
सपा प्रमुख यादव ने दावा किया कि बीजेपी सरकार का चतुर्दिक विरोध दर्शा रहा है कि बीजेपी ने जनाधार खो दिया है। अखिलेश ने ट्वीट किया “देश के युवाओं में वर्तमान के प्रति निराशा-हताशा और भविष्य के प्रति आशंका-असुरक्षा का भाव, देश के विकास के लिए घातक साबित होता है। सरकारों का दायित्व देश के वर्तमान को सुधारना व भविष्य को संवारना होता है।”
मायावती ने भी ट्वीट किया, “केन्द्र की अग्निपथ योजना देश की सुरक्षा व फौजी के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान से जुड़ी है, इसके बावजूद बीजेपी नेतागण जिस प्रकार से अनाप-शनाप व अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं वह घोर अनुचित है।” इसी ट्वीट में मायावती ने नसीहत दी “जनता में भ्रम व सेना के लिए मुश्किलें पैदा करने वाली संकीर्ण राजनीति तुरन्त बंद हों।”
बसपा प्रमुख ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा “ देश को अचंभित करने वाली नई सैन्य भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ , सरकार द्वारा नोटबन्दी व तालाबन्दी आदि की तरह ही, अचानक व काफी आपाधापी में थोपी जा रही है, जिससे प्रभावित होने वाले करोड़ों युवा व उनके परिवार वालों में खासा आक्रोश है। सरकार इनके प्रति भी अहंकारी रवैये से बचे।”
14 जिलों में 34 मामले दर्ज
अग्निपथ योजना के विरोध में प्रदेश में युवा आंदोलित हैं और रविवार को गृह विभाग की ओर से जारी बयान के मुताबिक प्रदेश में अग्निपथ योजना के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में राज्य के 14 जिलों में अब तक कुल 34 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जबकि 387 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 14 जून को ‘अग्निपथ योजना’ की घोषणा की जिसके तहत साढ़े 17 साल से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और उनमें से 25 फीसदी सैनिकों को अगले 15 और साल के लिए सेना में रखा जाएगा। हालांकि बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया। इस नयी योजना के तहत भर्ती रंगरूटों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा।