उत्तर प्रदेश के मेरठ से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां आर्मी के एक मेजर पति ने अपनी पत्नी की उंगली काट दी। मेजर की पत्नी का आरोप है कि उसका पति 2014 से दहेज के लिए उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान कर रहा है। दंपति का एक पांच साल का बेटा है।
पीड़िता ने बताया कि 7 जून की रात को उसके पति ने बुरी तरह से पीटा। उसके बाद 8 जून को फिर से जमीन पर गिराकर लात व थप्पड़ों से मारा। मैं जान बचाने के लिए बाहर गेट की तरफ चिल्लाते हुए भागी। तभी धारदार हथियार से हमला किया, जिससे मेरे हाथ की अंगुली कट गई।
पीड़िता की चीख-पुकार सुनकर आस-पास के रहने वाले लोगों ने बचाया और मिलिट्री अस्पताल में भर्ती करवाया। बाद में ससुराल वालों ने पीड़िता को एक प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट करवाया। अस्पताल में बेटी को देखने पहुंचे पिता और रिश्तेदारों से भी मारपीट की गई। मामले में पिता ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है।
…आखिर कब तक जुल्म सहती रहूंगी
पीड़िता ने बताया कि मेरा एक छोटा बेटा है। मेरे पिता द्वारा दहेज में दी गई गाड़ी को पति चलाता है। मैं जॉब करने लिए पढ़ रही हूं। मुझे खर्चा नहीं दिया जाता। हर समय बस टॉर्चर किया जाता है। आखिर कब तक जुल्म सहती रहूंगी। मेरे साथ जो किया गया मैं बता भी नहीं सकती। मुझे जान से मारने की ही कमी बची है।
आरोपी मेजर मेरठ के 510 आर्मी बेस पर कोर ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स में तैनात है। मेरठ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रकांत मीणा ने बताया कि आरोपितों पर घरेलू शोषण और दहेज उत्पीड़न के आरोप में भी मामला दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
मेरठ के सदर बाजार थाना प्रभारी डीएस रावत ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। हालांकि, डीएस रावत ने आईपीसी की उन धाराओं का खुलासा करने से इनकार कर दिया जिनके तहत आरोपी पर मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि आगे की जांच चल रही है। कई कोशिशों के बाद भी आरोपी आर्मी मेजर से संपर्क नहीं हो सका।
महिला के पिता ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मीडिया से कहा, “पुलिस ने शुरू में मुझे मामला दर्ज नहीं करने की सलाह दी थी। एफआईआर दर्ज करने के बजाय, पुलिस ने हमें आरोपी के साथ समझौता करने के लिए कहा था।”