उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे। राज्य से लगातार दुष्कर्म के मामला सामने आ रहे हैं। नया मामला चित्रकूट का है, जहां दलित नाबालिग गैंगरेप पीड़िता ने फांसी लगाकर जान दे दी। पीड़िता के परिजनों के आरोप लगाया कि मामले में एफआईआर दर्ज न होने से परेशान नाबालिग ने आत्महत्या कर ली।
वहीं, पुलिस ने बताया कि पांच दिन तक परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी थी, मंगलवार को लड़की के आत्महत्या करने के बाद मिली तहरीर पर गैंगरेप व आत्महत्या के लिए उकसाने से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। परिवार के आरोपों के बाद इस मामले में भी राजनीति शुरू हो गई है। मामला सामने आने के नेताओं का गांव जाना शुरू हो गया है।
चित्रकूट के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अंकित मित्तल ने बताया कि मंगलवार की सुबह मानिकपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में 15 साल की एक दलित लड़की ने अपने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने बताया कि लड़की की मौत के बाद उसके पिता ने आज दी अपनी तहरीर में अपनी बेटी के साथ आठ अक्टूबर को गैंगरेप किए जाने का आरोप लगाया है।
इस सिलसिले में गांव के पूर्व प्रधान के बेटे किशन उपाध्याय और आशीष व सतीश को गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ गैंगरेप, आत्महत्या के लिए उकसाने और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम व पॉक्सो कानून में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई, लिहाजा ”स्लाइड ” प्रयोगशाला भेजी जा रही।
उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद लड़की का शव परिजनों को सौंप दिया गया है और हालात को देखते हुए गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। परिजन बुधवार को लड़की का अंतिम संस्कार करेंगे। इस बीच लड़की के पिता ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी आठ अक्टूबर को खेत गयी थी, जहां आरोपियों ने गैंगरेप करने बाद उसके हाथ-पैर बांधकर जंगल में ही फेंक दिया था।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसके हाथ-पैर खोले थे और सामूहिक बलात्कार की घटना बताने के बाद भी किसी तरह का मुकदमा नहीं दर्ज किया था। उन्होंने कहा, “गैंगरेप का मुकदमा न दर्ज किए जाने से क्षुब्ध होकर लड़की ने आज आत्महत्या कर ली है।”