कोरोना महामारी के चलते उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में इस साल मोहर्रम का जुलूस नहीं निकलेगा। इमामबाड़ा इस्टेट के सज्जादानशीन अदनान फर्रूख अली शाह मियां साहब ने सोमवार को बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला किया गया है क्योंकि जुलूस के दौरान सामाजिक दूरी बनाये रखना बहुत मुश्किल है हालांकि फातिहा पढा जाएगा और फातिहा में कितने लोग शामिल होंगे, इस बारे में हम प्रशासन के दिशानिर्देश का इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हर साल हजारों लोग मोहर्रम का जुलूस देखने के लिए सडकों पर जमा होते हैं तथा शहर में कई जगह ताजिये की प्रतियोगिता भी होती है और इनाम बांटे जाते हैं। मुफ्ती अजहर शम्सी और मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी जैसे कई मुस्लिम धर्मगुरूओं ने कहा है कि सडकों पर बाहर निकलने की बजाय घरों में ही रहकर कर्बला के शहीदों की कुर्बानियों को याद करना बेहतर होगा क्योंकि भीड लगाने से कोरोना वायरस संक्रमण का बहुत खतरा है। धर्मगुरुओं ने सलाह दी कि लोग ताजिये पर पैसा खर्च करने की बजाय इस मौके पर गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें।
बता दें उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 से 51 और लोगों की मौत हो गई। वहीं, कोरोना वायरस संक्रमण के 4,197 नए मामले सामने आए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोविड-19 संक्रमित 51 और लोगों की मृत्यु हो गई। इस प्रकार प्रदेश में इस संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 2,120 हो गई है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में कोविड-19 के 4,197 नए मामले प्रकाश में आए हैं। प्रदेश में इस वक्त कोविड-19 के 47,878 मरीजों का उपचार चल रहा है।