पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मंडल तथा आस-पास के क्षेत्रों में इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों द्वारा 10वीं मोहर्रम को कर्बला में दी गयी शाहादत पर लोगों ने मातम किया और जूलूस निकाले।
इस मौके पर गोरखपुर जिले में मिया साहब इमाम बाडा स्टेट से मुतवल्ली फरूख अदनान शाह के नेतृत्व में परम्परागत मोहर्रम का जुलूस निकाला और जगह-जगह मजलिसों का भी आयोजन किया गया।
इस अवसर पर श्री साह ने कहा कि हुसैन दुखी लोगों का सबसे बडा सहारा हैं। उन्होंने कहा कि जब भी अत्याचार बढेगा तो उस अत्याचार से शिकार लोग हुसैन को याद करेंगे। उन्होंने लोगों से अपील किया कि वह सच्चाई के साथ रहें।
मियां साहब का जूलूस इमाम बाडा से निकलकर विभिन्न मार्गों से होता हुआ कर्बला पहुंचा जहां उन्होंने कुछ देर तक आराम किया। इस बीच उनका कई जगह स्वागत किया गया। जुलूस से गुजरने वाली दोनो तरफ सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ थी और प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद था।
मोहर्रम के जूलूस के साथ-साथ पारम्परिक-झंडों के अलावा राष्ट्रीय झंडा भी लहराया जा रहा था।
गौरतलब है कि गोरखपुर में स्थित इमामबाडा में नवाब आसिफुद्दौला द्वारा दिये गये सोने एवं चांदी के ताजिये देखने के लिए लोगों को भीड़ लगी हुयी है,क्योंकि जिस भाग में यह ताजिया रखा है और मियां साहब के पूर्वज की सुलगती हुयी धुनी है। उसे 10वीं मोहर्रम की शाम पूरे साल के लिए बन्द कर दिया जाता है।
मियां साहब के जूलूस के बाद गोरखपुर शहर के 365 जुलूस भी एक के बाद एक गुजरते रहे इसमें ताजियों का भी जुजूस तो शामिल था। गेहूं, शीशे, तांबे एवं लकडी के बने ताजिए आकर्षण के केंद्र थे।
आज रात तक ताजिये आने का क्रम जारी रहेगा और यह ताजिया अपनी बनावट और आकार के कारण बुहत ही लोकप्रिय हैं। इनके पीछे इमाम हुसैन के नाम पर फकीर बने लोग डोर पकड़कर चल हुसैन का दामन नहीं छोडेंगे। का नारा लगा रहे थे।
मंडल के देवरिया। कुशीनगर,और महराजगंज जिलों में भी मोहर्रम परम्परागत रूप से मनाया जा रहा है। इस मौके पर सुरक्षा के कड़ बंदोबस्त कर रखे हैं।