लोकसभा में मंगलवार को मेघालय राज्य में बोली जाने वाली गारो और खासी भाषाओं और बिहार तथा उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठी।
भोजपुरी फिल्म स्टार व सांसद निरहुआ ने भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिये जाने की मांग
तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने शून्यकाल में सरकार से मांग की कि मेघालय में जनजातीय समुदाय के बीच प्रमुखता से बोली जाने वाली गारो, खासी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की लंबे अरसे से जारी मांग को पूरा किया जाना चाहिए। भाजपा के दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ ने भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा दिये जाने की मांग उठाई।
हाल ही में आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित और भोजपुरी कलाकार निरहुआ ने सदन में पहली बार अपना विषय रखते हुए शून्यकाल में कहा कि नियमों की अस्पष्टता और भाषाओं में भेद नहीं करने के नाम पर वर्षों तक भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जा सका है।
निरहुआ को मिला बसपा सांसद का साथ
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भोजपुरी को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक पहल की हैं और उम्मीद है कि इस भाषा को संवैधानिक दर्जा देने के संबंध में भी निर्णय लिया जाएगा। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के श्याम सिंह यादव ने शून्यकाल में सरकार से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की।