वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के बीच आज उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू हो गया। मानसून सत्र के पहले दिन सदन का नजारा कुछ बदला- बदला सा था। सदन में एक सीट पर एक ही विधायक को बैठाया गया था। कुछ के बैठने की व्यवस्था आगंतुक गैलरी में की गई थी। इस दौरान मीडियाकर्मियों को दूर रखा गया। विधानसभा की कार्यवाही 11 बजे से वन्देमातरम के साथ शुरू हुई।
मानसून सत्र के दौरान सदन की केवल तीन बैठकें होनी हैं। सदस्यों और विधानसभा कर्मियों ने मॉस्क पहन रखे थे और बैठने की व्यवस्था कुछ इस तरह की गयी थी कि सामाजिक दूरी के प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन हो। सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा था कि जिन विधायकों की आयु 60 वर्ष से अधिक है और महिला विधायक, जो सदन नहीं आ सकतीं या कोई विधायक अस्वस्थ है तो वह लिखित में या टेलीफोन कर इसकी जानकारी दे सकते है। ऐसे में उनकी अनुपस्थिति नहीं दर्ज की जाएगी।
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दीक्षित ने सभी दलों के नेताओं से कहा था कि वे यह संदेश अपने विधायकों तक पहुंचा दें। विधानसभा में आने से पहले सभी की कोविड—19 जांच का इंतजाम किया गया था। सत्र शुरू होने से पहले 600 कर्मचारियों की कोरोना वायरस के लिए जांच सोमवार को की गयी थी और इनमें से 20 कर्मचारी संक्रमित पाये गये थे। बैठक शुरू होने से पहले सदस्यों की थर्मल स्कैनिंग की गयी। दीक्षित ने कहा कि अगर कोई सदस्य मास्क नहीं पहने है तो हम उसे मास्क मुहैया कराएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने मीडियाकर्मियों के लिए परामर्श जारी कर बुधवार को कहा था, ‘‘सत्र की कार्यवाही की कवरेज के लिए आने वाले पत्रकारों को अपनी कोरोना जांच करानी अनिवार्य है। उन्हें प्रेस गैलरी में नहीं बैठने दिया जाएगा लेकिन वे तिलक हॉल में बैठ सकते हैं, जहां से वे कार्यवाही का सीधा प्रसारण देख सकेंगे।’’