विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चन्द्र ने कहा है कि अयोध्या के सांस्कृतिक क्षेत्र की सीमा के बाहर ही मुसलमानों को मस्जिद के लिए जमीन दी जाए, और बाबर के नाम पर देश में कोई भी मस्जिद न बने।
विहिप संरक्षक बुधवार को अयोध्या में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम समाज को जो पांच एकड़ जमीन देने के लिए कहा है, इस पर हम सभी को किसी भी प्रकार आपत्ति नहीं है। लेकिन हमारी मांग है कि अयोध्या के सांस्कृतिक क्षेत्र की सीमा के बाहर मस्जिद के लिए जमीन दी जाए।’
उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अब विहिप का मकसद पूरा हो गया है। अब हमारी एक ही जिद है कि राम मंदिर के लिए हमने जो पत्थर तराशे और जो मॉडल बनाए, उसका इस्तेमाल किया जाए।’
मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि ‘ट्रस्ट का हिस्सा बनने की हमारी कोई इच्छा नहीं है। हम मंदिर निर्माण के लिए बाहर से समर्थन करेंगे।’
अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक ने कहा कि जब तक रामलला का मंदिर नहीं बन जाता, उनके लिए कोई अस्थाई निर्माण करवाया जाए, ताकि रामभक्त उनका पूजन कर सकें।
उन्होंने कहा, ‘लाखों कारसेवक रामजन्मभूमि के लिए संघर्ष करते हुए शहीद हो गए। उनकी भी मंदिर के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका थी।’
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि वह शहीद कारसेवकों की स्मृति में अयोध्या में एक स्मारक बनाने पर विचार करें, ताकि आने वाला समाज उन कारसेवकों को याद रख सके।
विहिप नेता ने कहा, ‘विहिप की भूमिका राम मंदिर निर्माण तक अवश्य रहेगी। विहिप के पास राम मंदिर के लिए एकत्रित किए गए चंदों के एक-एक पैसे का हिसाब है। हमारी केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग है कि अयोध्या को सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विश्व में पहचान दिलाने के लिए यहां एक शोध केंद्र बनाया जाए, ताकि यहां पर आने वालों को अयोध्या, रामायण सहित अन्य की सम्पूर्ण जानकारी मिल सके।’