कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान कथित रूप से खुद को आग लगाने वाली एक महिला और उसकी बेटी का बुधवार को पुलिस की मौजूदगी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यहां पर अंतिम संस्कार किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक अंतिम संस्कार के समय कानपुर देहात के पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति, अपने मातहतों के साथ मौजूद रहे थी। बता दें कि परिवार वालों की मांग थी कि अंतिम संस्कार तभी करेंगे जब आरोपियों की गिरफ्तारी होगी , यूपी सरकार की तरफ से पीड़ित परिवार को एक सरकारी नौकरी और पक्का मकान दिया जाएगा।
अंतिम संस्कार में कौन थे मौजूद
इस दौरान संभागीय आयुक्त राज शेखर, और महानिरीक्षक प्रशांत कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। मूर्ति ने बताया कि शांतिपूर्ण अंतिम संस्कार सुनिश्चित करने के लिए मडौली गांव से बिठूर श्मशान घाट तक के रास्ते में पुलिस कर्मियों को तैनात करने के अलावा श्मशान घाट और घटना स्थल सहित सभी जगहों पर पुलिस की पर्याप्त तैनाती की गई थी ।
परिवार वालों ने की थी इंसाफ की मांग
उन्होंने बताया कि पहले पीड़ित परिवार ने कहा था कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी और आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, लेकिन उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आश्वासन के बाद परिजनों ने दोनों महिलाओं का पोस्टमार्टम करने और उनका अंतिम संस्कार करने की अनुमति दे दी । मीडिया से बातचीत में पुलिस अधीक्षक ने पुष्टि की कि शोक संतप्त परिवार के सदस्यों द्वारा स्थानीय रिश्तेदारों और ग्रामीणों की उपस्थिति के बीच अंत्येष्टि की गयी।
परिजनों की हर संभव मदद करेगी सरकार
उन्होंने कहा कि पुलिस और जिला प्रशासन पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं । अंतिम संस्कार करने के बाद पीड़ित पुत्र शिवम दीक्षित ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने उनके परिवार को आश्वासन दिया था कि उनकी मांगें जल्द पूरी की जाएंगी । शिवम ने कहा कि उन्हें और उनके भाई को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि, सरकारी नौकरी, सरकारी योजना के तहत घर और सरकारी जमीन दी जाएगी और जीवन भर पेंशन दी जाएगी। घाट पर स्थानीय ग्रामीणों ने आला अधिकारियों को बताया कि उप जिलाधिकारी (एसडीएम) बिना किसी पूर्व सूचना के बुलडोजर लेकर पहुंचे थे । आईजी प्रशांत कुमार ने कहा कि मामले जांच के आदेश दे दिए गए हैं और इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को नहीं बख्शा जाएगा।