उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में दिल दहला देने वाला एक मामला सामने आया है। गरीबी और आर्थिक तंगी के चलते दूध का इंतजाम नहीं कर पाने पर महिला ने अपने सबसे छोटे बेटे अहद की गला दबाकर हत्या कर दी। मौत के बाद वह उसके शव के बगल में बैठी रही।
कुछ महीने पहले उसके 8 महीने के बेटे अहद को खून में संक्रमण हो गया था। जिसके बाद महिला ने अपने जेवरात और घर का सामान बेचकर 90 हजार रुपये से अपने बेटे का इलाज आगरा के जिला अस्पताल में करवाया। घर के सारे रुपए पैसे खत्म होने के बाद 3-4 दिन से उसके पास एक रुपया भी नहीं था, की वह अपने दूध मुहे बच्चे के लिए दूध खरीद सकें। मां से जब भूख से बिलखते बच्चे का रोना नहीं सुना गया तो उसने गला घाेंटकर उसे हमेशा के लिए शांत कर दिया।
उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, छिबरामऊ में रह रही महिला का मुंबई में रह रहे उसके पति शाहिद से किसी बात पर झगड़ा हो गया था। जिस कारण महिला का पति 4-5 महीने से घर पर एक रुपया भी नहीं भेज रहा था। इस मुश्किल हालात में रुखसार किसी तरह अपने बच्चों का पेट भर रही थी। रुखसार का आठ माह का बेटा अहद पिछले तीन दिन से भूखा था।
रुखसार बेटे के लिए दूध का इंतजाम नहीं कर पा रही थी। तीनों बच्चे उससे बार-बार खाना खाने की मांग कर रहे थे। बुखार से तपते बेटे को लेकर रुखसार डॉक्टर के पास पहुंची, लेकिन पुराना उधार चुकाए बिना डॉक्टर रुक्सार को दवा देने को तैयार नहीं हुए। इस बीच अहद भूख लगने पर दूध पीने के लिए भी बिलबिला रहा था। पुलिस की पूछताछ में रुखसार ने बताया कि वह तीन दिन से भूखे बच्चे के लिए दूध का इंतजाम भी नहीं कर पा रही थी, इसलिए गला दबाकर मार डाला।
मौके पर पहुंची प्रदेश पुलिस ने बच्चे के शव को कब्जे में लेकर उसका पोस्टपार्टम करवाया और शव को परिजनों को सौंप दिया। घटनास्थल पर मौजूद पुलिस भी इस वारदात के बारे में सुनकर दहल गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बच्चे की हत्या की पुष्टि हुई है। छिबरामऊ थाने के इंस्पेक्टर बलराम मिश्रा के अनुसार, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आते ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।