सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को संपत्ति विवाद मामले में मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को अग्रिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की पीठ ने यह आदेश पारित किया। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और वकील निज़ाम पाशा और ज़फीर अहमद उमर अंसारी की ओर से पेश हुए। उमर अंसारी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के 13 अप्रैल, 2023 के आदेश को चुनौती दी है, जिसने उनकी अग्रिम जमानत से इनकार कर दिया था।
उमर अंसारी ने 2020 में लखनऊ के हजरतगंज में धारा 120-बी, 420, 467, 468, 471, आईपीसी और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 की धारा 3 के तहत दर्ज एफआईआर में अग्रिम जमानत मांगी है। जियामऊ, तहसील सदर, लखनऊ के प्रभारी लेखपाल द्वारा तीन नामित आरोपियों अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और मुख्तार अंसारी के खिलाफ 'निष्क्रिय संपत्ति' से संबंधित एफआईआर दर्ज की गई थी।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने लोगों को डरा-धमकाकर अनुचित लाभ हासिल करने के लिए एक साजिश के तहत जाली दस्तावेज तैयार किए हैं और उन्होंने सरकार को मूल्यवान निष्क्रांत संपत्ति का नुकसान पहुंचाया है। अभियोजन पक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि उमर अंसारी कथित जालसाजी के लाभार्थियों में से एक है और उस पर आपराधिक साजिश का अपराध करने का भी आरोप लगाया गया है।