मशहूर शायर मुनव्वर राणा अपने बयानों को लेकर अकसर चर्चा में बने रहते हैं। लेकिन, इस वक्त उनका अपनी मां को लेकर दिया गया अजीबो-गरीब बयान काफी चर्चा में है। मुनव्वर राणा ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा कि मेरा बाप मुसलमान था, मैं इसकी गारंटी लेता हूं लेकिन मेरी मां भी मुसलमान थी, इसकी गारंटी मैं नहीं लेता। शायर का ये बयान पसमांदा मुस्लिम को लेकर बीजेपी के कार्यक्रम पर पूछे सवाल के जवाब में था।
इंटरव्यू में मुनव्वर राणा ने कहा कि, पसमांदा की शब्दावली का मतलब ये होता है पिछड़े हुए लोग। समाज में जो पिछड़ जाते हैं, उन्हें पसमांदा कहा जाता है। इस्लाम में पसमांदा का कोई जिक्र नहीं था और न ही जात-पात का कोई जिक्र था। इसमें कोई नहीं जानता है कि कौन-कौन किस जाति का है। केवल ये जानते हैं कि ये अरबी है। इसी पर शादी होती है और इसी पर विवाह होता है। हिंदुस्तान में आकर हमलोग इस रंग में रंग गए हैं।
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उन्होंने आगे कहा, "मैं बहुत इमानदारी से एक बात कहता हूं कि मेरा बाप मुसलमान था, इसकी मैं गारंटी लेता हूं। लेकिन मेरी मां भी मुसलमान थी, इसकी गारंटी मैं नहीं ले सकता। इसलिए कि मेरे पिता पहले भारत आए थे। वो चाहे ईसा पूर्व से आया हो, चाहे समरकंद से आया हो, चाहे मुखारद से आया हो, चाहे अफ्रीका आया हो या अरब से आया हो। वो फौज के साथ आया था और फौज बगल में बीवी लेकर नहीं चलते हैं। इसलिए मेरा बाप जो था वो मुसलमान था लेकिन मेरी मां भी मुसलमान थी इसकी मैं गारंटी नहीं ले सकता हूं।"
मुनव्वर राणा ने आगे कहा, "मेरा बाप यानी पहले पिता यहां आए। उसके बाद अपने तौर-तरीके से, अपनी अच्छी विचारधारा से वे लोग पूरे हिन्दुस्तान में फैसलते चले गए। जब यहां के लोगों ठुकराए हुए लोगों ने ये देखा कि ये कैसे लोग हैं तो उन लोगों ने इस्लाम को कबूल करना शुरू कर दिया।" आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहले कई पसमांदा मुस्लिमों के धर्मगुरुओं से मुलाकात चुके हैं।