लखनऊ : योगी सरकार के नए सत्र में बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाए जाने के दावों का असर राजधानी लखनऊ में देखने को मिल रहा है। नए सत्र 2018-19 में नए पाठ्यक्रम को लागू करते हुए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की किताबों से पढ़ाई कराने का फैसला लिया गया था। फैसले के बाद विभाग के पास किताबों की उपलब्धता कराने की चुनौती थी, जो कि पूरी होती नजर आ रही है।अनुमान लगाया जा रहा था कि हर बार की तरह इस वर्ष भी छात्रों को समय पर किताबें नहीं उपलब्ध हो पाएंगी। लेकिन राजधानी के अधिकारियों के प्रयास के चलते लखनऊ के विद्यालयों की कहानी इस वर्ष कुछ बदली नजर आ रही हैं। इस नए सत्र में छात्रों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह के निर्देशों पर जिले के चार विद्यालयों में स्टाल लगाकर किताबों का वितरण किया जा रहा है, जिससे जहां एक और छात्रों को समय से किताबें उपलब्ध हो रही हैं, वहीं अभिभावकों को किताबों के लिए दुकानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं। डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि नए सत्र में एनसीईआरटी पैटर्न की नई किताबों से पढ़ाई कराने के फैसले के बाद हमारे पास किताबें उपलब्ध कराने की चुनौती थी।
विभाग ने समय से सारी तैयारियां कर रखी थी, जिससे बाजार में किताबें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं, लेकिन लोगों को दुकानों के बारे में जानकारी न होने से समस्या उत्पन्न हो रही थी। अभिभावकों को किसी प्रकार की समस्या न हो और किताबें आसानी से उपलब्ध हो जाएं, इस बात को ध्यान में रखकर स्कूलों में स्टाल लगाकर किताब वितरण करने का फैसला लिया गया है। वर्तमान में जिले के चार विद्यालयों में स्टाल लगाकर किताबों का वितरण किया जा रहा है। इन चारों विद्यालयों और आस-पास के विद्यालयों में किताबों की पूर्ति हो जाने के बाद जिले के अन्य क्षेत्र में मौजूद विद्यालयों को चुनकर वहां पर भी स्टॉल लगाया जाएगा।
इन नए सत्र से विभाग का पूरा प्रयास है कि समय से किताबें उपलब्ध करा कर छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराई जा सके।समय पर किताबें उपलब्ध कराने व छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य शहर के चार विद्यालयों राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज, नारायण इंटर कॉलेज नगरा, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज मलिहाबाद, राजकीय सैनिक इंटर कॉलेज सरोजनी नगर में स्टॉल लगाकर किताबों का वितरण किया जा रहा है। विभाग द्वारा स्टॉल लगाकर किताबों के वितरण करने से जहां एक और अभिभावकों को दुकानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं, वहीं विद्यालय में ही नई किताबें पाकर छात्र काफी खुश हो रहे हैं।
देश और दुनिया का हाल जानने के लिए जुड़े रहे पंजाब केसरी के साथ।