लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

आदिवासियों की मौत की जांच के लिए सोमवार को सोनभद्र जाएगी NCST टीम : नंद कुमार साय

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ. पी. सिंह ने पहले कहा था कि यह जमीन एक आईएएस अधिकारी की थी जिसने इसे यज्ञदत्त को बेच दी और दत्त उस पर कब्जा करना चाहते हैं।

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) का एक जांच दल सोनभद्र में हुए खूनी संघर्ष की जांच के लिए सोमवार को वहां जाएगा। एनसीएसटी के अध्यक्ष नंद कुमार साय की अगुवाई वाला यह दल इस संघर्ष में मारे गये लोगों के परिवारों और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलेगा। सोनभद्र जिले के घोरवाल इलाके में जमीन विवाद को लेकर बुधवार को हुए संघर्ष में 10 लोग मारे गये थे और 18 अन्य घायल हुए थे। 
ये लोग ग्राम प्रमुख यज्ञ दत्त और उनके समर्थकों का विरोध कर रहे थे जो 90 बीघा विवादास्पद जमीन पर कब्जा करने आये थे। ग्राम प्रमुख के साथ आए लोगों ने कथित रूप से गोलियां चलायीं जिससे नौ लोगों की मौके पर ही जान चली गयी। साय ने कहा, ‘‘ हम यह पता करने का प्रयास करेंगे कि विवाद किस बात को लेकर है। हमें पता चला है कि ये आदिवासी दशकों से उस जमीन पर रह रहे हैं….तब प्रशासन ने अब तक उन्हें मालिकाना हक क्यों नहीं दिया।’’ 

निषेधाज्ञा का उल्लघंन नहीं करूंगी, तीन लोगों के साथ भी जाने को तैयार : प्रियंका गांधी

उन्होंने कहा कि आदिवासियों ने पीढ़ियों से उस जमीन पर खेती की है और वे उसका स्वामित्व मांगते आ रहे हैं। उन्हें वहां से खाली कराने के पहले भी प्रयास हुए हैं। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ. पी. सिंह ने पहले कहा था कि यह जमीन एक आईएएस अधिकारी की थी जिसने इसे यज्ञदत्त को बेच दी और दत्त उस पर कब्जा करना चाहते हैं। 
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग ने गुरुवार को स्थानीय अधिकारियों पर जमीन विवाद हल करने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। इसी विवाद के चलते लापरवाही हुई। एनसीएसटी अध्यक्ष ने भी राज्यों द्वारा आदिवासियों के कल्याण के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने को लेकर चिंता प्रकट की। 
उन्होंने दावा किया, ‘‘आम तौर पर आदिवासी जिस जमीन पर दशकों से रह रहे हैं, उनका मालिकाना हक पाने के लिए उन्हें ढेरों समस्याएं होती है। निचले स्तर पर नौकरशाही की रूकावट के कारण उनके लिए अपनी पहचान स्थापित करने का प्रमाणपत्र हासिल करना भी मुश्किल हो जाता है।’’ उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में कानून व्यवस्था सुधारने के लिए गंभीर कदम उठाने की जरूरत है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

5 × 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।