सुबह की सर्दी में ठिठुरती नवजात बच्ची का मिलना मानवता की कठोरता का परिचायक साबित होती है। मासूम बच्चों की दिल पिघला देनी वाली मुस्कान को दरकिनार कर किसी कठोर दिल ने तीन बोरियों में लपेटकर मासूम को मरने के लिए सड़क किनारे छोड़ दिया, बिना ये जाने कि अगर वह किसी आवारा कुत्ते के मुंह पड़ गई तो क्या होगा। लेकिन गनीमत रही है कि मासूम बच्ची जिंदा है और स्वास्थ्य है।
दरअसल, ये पूरा वाकया उत्तर प्रदेश के मेरठ का है, जहां किसी ने नवजात बच्ची को तीन बोरियों में लपेट कर सड़क किनारे झाड़ियों में फेंके दिया। जब लोगों को बच्ची के वहां होने की भनक लगी तो उन्होंने बोरियों को एक एक कर खोलना शुरू किया। बच्ची को बोरियों में लिपटा देख वहां खड़े हर व्यक्ति का दिल पसीज गया। इसके बाद लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी।
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परतापुर थाना एसओ सतीश कुमार फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे मामले की गंभीरता को देखते हुए मासूम को तौलिया में लपेटकर गोद में उठा लिया। पुलिस मासूम को लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंची और उसे जच्चा-बच्चा वार्ड में एडमिट कराया। एसओ सतीश कुमार का कहना है कि अस्पताल में मासूम का इलाज चल रहा है।
पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। साथ ही घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल जा रहा है। इस मामले में सीडब्लूसी से भी संपर्क किया गया है। उनकी देख-रेख में ही मासूम बच्ची का उपचार चलेगा। बच्ची का कोविड-19 टेस्ट भी कराया जा रहा है। जिसके बाद आगे की कार्रवाई सीडब्लूसी के द्वारा की जाएगी।