उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना पूर्वांचल एक्सप्रेस का निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि तक पूरा होने जाने के प्रबल आसार हैं। आधिकारिक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है। वर्ष 2020 में इस एक्सप्रेसवे के मुख्य-मार्ग को खोलने की योजना है। 340.82 किमी। लंबे इस एक्सप्रेसवे का 20 प्रतिशत से अधिक भौतिक कार्य पूरा कर लिया गया है। बुधवार तक 97 प्रतिशत से अधिक क्लियरिंग एवं ग्रबिंग का काम तथा 58 प्रतिशत से अधिक मिट्टी का कार्य पूरा कर लिया गया है।
उन्होने बताया कि एक्सप्रेस वे के लिये 98 फीसदी से अधिक जमीन खरीदी अथवा अधिग्रहित की जा चुकी है जबकि शेष के अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। अब तक 34 अंडरपास और 242 बॉक्स कन्वर्टर का निर्माण पूर्ण हो चुका है साथ ही मेजर ब्रिज, माइनर ब्रिज और आरओबी का निर्माण कार्य जारी है।
यूपीडा के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी ने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की समीक्षा पिछली 12 अक्टूबर को की थी। बैठक मे श्री अवस्थी ने यूपीडा के अधिकारियों और निर्माण कम्पनियों के सम्बंधित प्रतिनिधियों को निर्देश देते हुए कहा कि निर्माणकार्य में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखते हुए कार्य मे तेजी लाई जाए तथा निर्माण कार्य मे आ रही बाधाओं का निराकरण शीघ, किया जाए।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-731 लखनऊ-सुल्तानपुर रोड में चाँदसराय गांव से शुरू होकर बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, आजमगढ़, मऊ होते हुए गाजीपुर के हैदरिया गांव में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर समाप्त होता है। एक्सप्रेसवे की कुल लम्बाई-340.824 किमी है, जिसके निर्माण के लिये एक्सप्रेसवे को आठ पैकेजों में विभक्त किया गया है।
यह एक्सप्रेसवे छह लेन चौड़ और आठ लेन में विस्तारणीय है। इन आठ पैकेजो में ईपीसी कॉन्ट्रेक्टर मेसर्स गायत्री प्रोजेक्ट््स लि, ऐप्को इन्फ्राटेक प्राइवेट लि, जी आर इन्फ्रा प्रोजेक्ट लि, पीएनसी इन्फ्राटेक लि तथा ओरियन्टल स्ट्रक्चर्स प्राइवेट लि शामिल हैं। निर्माण कार्यों के पर्यवेक्षण तथा गुणवत्ता को परखने के लिये एजिस इण्डिया कन्सलटेन्ट इन्जीनियर्स प्राइवेट लि तथा आयशा इन्जीनिरिया आरक्टिक्चुरा अथॉरिटी इन्जीनियर को नियुक्त किया गया है।इन आठ पैकेजों की कुल लागत 11,216.11 करोड़ रूपये है।