सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में सख्त प्रतिबंध लागू है और लोगों को जश्न मनाने की इजाजत नहीं है। कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है, लेकिन एक दबी हुई राहत व खुशी दिखाई दे रही है। कुछ लोगों ने पटाखे फोड़े, लेकिन पुलिस ने तत्काल उन्हें रोक दिया और जश्न पर विराम लग गया।
अयोध्या में असामान्य रूप से बलों की भारी तैनाती ने राम जन्मभूमि परिसर में भक्तों के जाने पर भी रोक लगा दी। मंदिर परिसर में स्थानीय लोगों व दूसरे श्रद्धालुओं को प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं से आधार कार्ड दिखाने को कहा गया। प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर पर एक प्रसाद विक्रेता राम कुमार ने कहा, “हमें खुशी है कि राम मंदिर आखिरकार बनेगा और हमें अपनी खुशी जताने के लिए ज्यादा शोरगुल की जरूरत नहीं है। हम खुश है और इसे साबित करने की जरूरत नहीं है।”
अंबेडकर नगर की एक श्रद्धालु शालिनी कुमारी ने कहा, “विध्वंस के बाद हुए 1992 के दंगे में मरने वालों में मेरा चेचेरा भाई भी शामिल था और इस फैसले से उसकी आत्मा को शांति मिलेगी।” उन्होंने कहा कि अब मैं अपने जीवन काल में राम मंदिर देख सकूंगी। अयोध्या मामले में वादी इकबाल अंसारी के आवास पर मीडिया की भारी भीड़ थी, लेकिन उनके घर के बाहर तैनात पुलिस ने अंसारी के साथ लंबी बातचीत को रोक दिया।
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अंसारी ने कहा कि वह खुश हैं कि दशकों से चली आ रही लड़ाई आखिरकार खत्म हो गई। कारसेवकपुरम में स्थानीय लोगों ने एक-दूसरे को मिठाइयां खिलाईं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, “मंदिर आंदोलन में भाग लेने वालों के लिए यह खुशी का क्षण है। हमारा पक्ष सही साबित हुआ है।”