उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित अन्य दलों से समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए नेताओं के कारण पार्टी के पुराने नेताओं में पनपने वाले संभावित असंतोष को शांत करने की पार्टी नेतृत्व ने पहले ही तैयारी कर ली थी। विधानसभा चुनाव के लिए सपा के मुख्य रणनीतिकार और पूर्व राज्य सभा सांसद किरणमय नंदा ने रविवार को बताया कि भाजपा के विधायकों में पिछले कुछ महीनों में भारी पैमाने पर असंतोष उपजा था।
UP चुनाव में SP के पक्ष में बन रहा सकारात्मक माहौल
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सपा के पक्ष में बन रहे सकारात्मक माहौल को भांप कर भाजपा सहित अन्य दलों के असंतुष्ट नेता पहले से ही सपा नेतृत्व के संपर्क में थे। नंदा ने कहा कि बाहरी नेताओं को पार्टी में शामिल करने से सपा के समर्पित नेताओं में, जो खुद चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे थे, असंतोष उपजना लाजिमी भी है। नंदा ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में उन्होंने लगभग 150 विधान सभा क्षेत्रों का दौरा कर पार्टी के जमीनी नेताओं से इस संभावित असंतोष के बारे में पहले ही विचार मंथन कर लिया था।
पार्टी के पुराने नेताओं में नहीं है असंतोष की भावना
गौरतलब है कि इस सप्ताह पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की अगुवाई में एक-एक कर भाजपा और अपना दल (एस) के तमाम विधायकों ने सपा का दामन थाम लिया। पिछले दो महीनों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, भाजपा सहित अन्य दलों के लगभग 2 दर्जन मौजूदा एवं पूर्व विधायकों को पार्टी में शामिल करा चुके हैं। सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नंदा ने कहा कि इस खास अभियान को सफल बनाने की तैयारी पहले ही कर ली गयी थी। इस अभियान का मूल मकसद पार्टी में अंदरूनी असंतोष उपजने के रोकना एवं अन्य दलों से आये नेताओं को भी उनके हक के मुताबिक सीटें देकर संतुष्ट करना है।
जनता चाहती है भाजपा सरकार से छुटकारा
उन्होंने पूरे अभियान को सफल बताते हुये कहा कि पार्टी में शामिल होने की संभावना वाले नेताओं के क्षेत्र में उन्होंने खुद जाकर सपा नेताओं की नब्ज टटोल कर अंदाजा लगा लिया था कि हर तरफ लोग भाजपा सरकार से छुटकारा पाना चाहते हैं। नंदा ने कहा कि सपा नेताओं ने पहले ही कह दिया था कि उनकी प्राथमिकता भाजपा को चुनाव में परास्त करना है, इसके लिये अगर दूसरे दलों से आने वाले नेताओं को अगर उनकी जगह टिकट देना पड़ा तो वे उन्हें भी जिताने का काम करेंगे।
असंतोष को पार्टी नेतृत्व की कुशल रणनीति से किया गया शांत
उन्होंने कहा कि इस प्रकार से सपा में पनपने वाले संभावित असंतोष को पार्टी नेतृत्व की कुशल रणनीति के बलबूते पहले ही शांत कर लिया गया। नंदा ने कहा कि इसी का नतीजा है कि इतने बड़ पैमाने पर पूर्व मंत्रियों और विधायकों को सपा में शामिल करने के बावजूद पार्टी में विरोध का कहीं से कोई स्वर नहीं उठा।