लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

Noida: लगातार बढ़ रहे आत्महत्या के मामले, नोएडा में बीते हफ्ते 10 लोगो ने की खुदकुशी

नोएडा के गोल्फ कोर्स मेट्रो स्टेशन पर 17 जनवरी की शाम मेट्रो के सामने कूदकर एक 16 वर्षीय किशोर ने अपनी जान दे दी। मूल रूप से इटावा का रहने वाला 16 वर्षीय लक्ष्य सेक्टर 36 में अपने दोस्तों के साथ रहता था।

नोएडा के गोल्फ कोर्स मेट्रो स्टेशन पर 17 जनवरी की शाम मेट्रो के सामने कूदकर एक 16 वर्षीय किशोर ने अपनी जान दे दी। मूल रूप से इटावा का रहने वाला 16 वर्षीय लक्ष्य सेक्टर 36 में अपने दोस्तों के साथ रहता था।
वह मंगलवार शाम को गोल्फ कोर्स स्टेशन पर मेट्रो के सामने कूद गया। बताया जा रहा है कि वह मानसिक रूप से परेशान था। छोटी सी उम्र में ही यह मानसिक परेशानी किशोर को आत्महत्या के कगार तक खींच ले गई। वह परिवार से दूर था और अपनी बात अपने दोस्तों और परिवार को नहीं बता सका और जो परेशानी उस पर हावी थी, वह अंदर ही अंदर घुटता रहा।
 जान देना ही आसान समझते हैं लोग 
वहीं दूसरी ओर 45 वर्षीय सबा अब्बास सिद्धकी अपने परिवार के साथ सेक्टर 62 के रोज अपार्टमेंट में रहती थी। उनके पति केंद्रीय गृह मंत्रालय में अधिकारी हैं। सबा डिप्रेशन की शिकार थी और उनका इलाज फोर्टिस अस्पताल में चल रहा था। उन्होंने 18 जनवरी को पांचवी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली।अब इस मामले में उम्र मायने नहीं रखती क्योंकि 47 साल की उम्र हर तरीके के दबाव को झेलने के लिए एकदम उपयुक्त होती है। लेकिन कहीं ना कहीं यह अवसाद, मानसिक परेशानी लोगों के लिए इतना ज्यादा परेशानी का कारण बन जाता है कि वह अपनी जान देना ही आसान समझते हैं।
 परिवार का साथ होता है बेहद जरूरी
मानसिक तनाव जिंदगी पर इतना भारी पड़ जाता है कि किसी भी उम्र का व्यक्ति अपनी जान देने से परहेज नहीं करता। किशोर हो या युवा, लड़की हो या महिला या फिर बुजुर्ग। सभी के लिए परिवार का साथ बेहद जरूरी होता है लेकिन आजकल की न्यूक्लियर फैमिली में लोगों को अपनों का साथ कम मिल पाता है।
मेट्रो स्टेशन के आगे कूदकर छात्र ने जान दे दी
अगर उन्हें उनके क्षेत्र में कोई असफलता मिलती है तो वह उनके अवसाद का बड़ा-बड़ा कारण होती है। इसीलिए लगातार आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बीते 1 हफ्ते की बात करें तो करीब गौतमबुद्ध नगर जिले में ही 10 लोगों ने अलग-अलग तरीकों से खुदकुशी की है। जिसमें छात्र नौकरी पेशा लोग और महिलाएं शामिल हैं।
17 जनवरी को गोल्फ कोर्स मेट्रो स्टेशन के आगे कूदकर छात्र ने जान दे दी।18 जनवरी को सेक्टर 62 में रहने वाली महिला ने पांचवी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली।18 जनवरी को ही एक्सप्रेस वे स्थित सोसायटी में रहने वाले दुकानदार ने फंदा लगाकर जान दे दी।19 जनवरी को पैरामाउंट सोसायटी में रहने वाले आईटी इंजीनियर ने आत्महत्या कर ली।
युवा अपना रहे हैं आत्महत्या के रास्ता 
नोएडा आईएमए के पूर्व अध्यक्ष और डॉक्टर एनके शर्मा ने आईएएनस से खास बातचीत करते हुए बताया है कि एकल परिवार और पाश्चात्य सभ्यता के चलते ही इस तरीके के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और खास तौर से युवा आत्महत्या के रास्ते को अपना रहे हैं।उनका कहना है कि आजकल के युवा और बच्चों को समय से पहले सारी चीजें चाहिए होती हैं। इसीलिए वह कई बार जब डिप्रेशन में या खराब स्थिति में आते हैं। तो उसका जिक्र अपने आसपास मौजूद लोगों से नहीं कर पाते। परिवार वालों से दूरी होती है और दोस्त समझ नहीं पाते।
सोशल जिंदगी तक में कंपटीशन
इसीलिए ज्यादातर जो आत्महत्या कर रहे हैं उनमें युवाओं की संख्या ज्यादा है। पढ़ाई से लेकर सोशल जिंदगी तक में कंपटीशन इतना बढ़ गया है कि एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ बच्चों को इस रास्ते पर ले जाने के लिए मजबूर करती है।उन्होंने यह भी बताया कि पहले गांव में एक साथ एक परिवार जब रहता था और बच्चे और युवा जब बाहर निकलते थे तो उन्हें इस बात का डर रहता था कि कोई ना कोई उनका जानने वाला उन्हें मिल जाएगा। कोई गलत काम वह करेंगे तो वह नजर में आ जाएगा लेकिन अब ऐसा कोई नहीं है।
 आत्महत्या के मामले सामने 
उनके मुताबिक अब जितने भी आत्महत्या के मामले सामने आ रहे हैं। उनमें एक चीज जरूर देखने को मिल रही है, वह है व्यक्ति का अकेलापन। आज जो भी तनावग्रस्त है या मानसिक रूप से परेशान है उसके आसपास उसकी देखभाल करने के लिए कोई भी मौजूद नहीं होता, ना उससे उसकी समस्या कोई जानता है और ना ही उसका कोई दिन और रात में हाल-चाल लेता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty + 6 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।