नोएडा में लिफ्ट से हो रहे हादसों में कोई गिरावट नहीं आ रही है। बल्कि अब प्राइवेट बिल्डर के अलावा सरकारी संस्थानों में भी लोग लिफ्ट में फसने लगे हैं। ताजा मामला सेक्टर-39 स्थित जिला अस्पताल का है। जहां लिफ्ट में दो बच्चे समेत छह लोग 30 मिनट तक फंसे रहे। इससे पहले भी अस्पताल और सीएमओ कार्यालय की लिफ्ट में लोग फंस चुके हैं।
जिला अस्पताल में रविवार की शाम करीब पांच बजे मरीज से मिलकर एक पुरुष, दो बच्चे और तीन महिलाएं ग्राउंड फ्लोर पर आ रहे थे। इसी दौरान एकाएक लिफ्ट बंद हो गई। लिफ्ट बंद होने की स्थिति में उन लोगों ने लिफ्ट के अंदर से इमरजेंसी बटन दबाया, आवाज लगाई और जानकारों के पास कॉल भी की। लेकिन कोई नहीं आया। पीड़िता दीपिका ने बताया कि करीब 30 मिनट बाद अस्पताल के इलेक्ट्रिशियन ने इन लोगों को लिफ्ट से निकाला। उनके साथ दो साल की एक बच्ची भी थी। दीपिका ने बताया कि हम सभी लोग पांचवें फ्लोर पर अपने भर्ती मरीज से मिलने गए थे।
जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने बताया कि लिफ्ट बंद होने के दस मिनट के अंदर लोगों को बाहर निकाल लिया गया था। किसी को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है। लिफ्ट में कोई मरीज नहीं था। बिजली जाने पर लिफ्ट बंद हुई थी।जिला अस्पताल और सीएमओ कार्यालय में 12 लिफ्ट हैं। एक भी लिफ्ट में ऑपरेटर नहीं है। वहीं अस्पताल में एक शिफ्ट में एक ही इलेक्ट्रिशियन है। अगर कोई लिफ्ट फंसती है, तो उसे खोलने में 10 मिनट से ज्यादा ही समय लगता है। इससे पहले भी जिला अस्पताल में कई लोग लिफ्ट में फंस चुके हैं। लिफ्ट बंद होने की स्थिति में बेसमेंट में चली जाती है। इन लिफ्ट को आपरेट करने के लिए एक भी आपरेटर नहीं है।