नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के तीसरे व चौथे चरण के लिए जमीन अधिग्रहित की जाएगी। जानकारी के अनुसार, निर्माण के लिए 14 गांवो की जमीन अधिग्रहित की जाएगी। यमुना विकास प्राधिकरण ने जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव मंजूरी के लिए जिला प्रशासन को भेज दिया है। यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार इसी सप्ताह उक्त जमीन के अधिग्रहण के लिए जो राशि खर्च होनी है उसका 10 फ़ीसदी हिस्सा जिला प्रशासन को दे दिया जाएगा, जबकि दूसरे चरण की 1,365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण शुरू कर दिया गया है।
प्राधिकरण ने गांव की जमीन के लिए प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है
यमुना विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ अरुण सिंह ने बताया कि हवाई अड्डा परियोजना को लेकर प्राधिकरण ने 14 और गांव की जमीन के लिए प्रशासन को प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 1,334 हेक्टेयर, दूसरे चरण में 1,365 हेक्टेयर और तीसरे चरण में 1,318 और चौथे चरण में 735 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी। सिंह ने बताया कि 14 गांव की 2,053 हेक्टेयर जमीन ली जानी है जिनमें दयानतपुर, बंकापुर, पारोही, रोही, किशोरपुर, मुकीमपुर सिवारा, सबौता मुस्तफाबाद, किशोरपुर, रामनेर, बनवारी बास, ख्वाजपुर, थोरा, नीमका- शाहजहांपुर ,जेवर बांगर और अहमदपुर गांव शामिल हैं।
गांवों के विस्थापन और जमीन अधिग्रहण की मंजूरी मिल चुकी है
उन्होंने बताया कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के चारों चरणों के लिए कुल 4,752 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। सिंह के मुताबिक अबतक छह गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है जबकि छह अन्य गांवों को विस्थापित और अधिग्रहित करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि तीसरे और चौथे चरण के लिए राज्य मंत्रिमंडल से पहले ही 14 गांवों के विस्थापन और जमीन अधिग्रहण की मंजूरी मिल चुकी है।