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अब किसान भी अपने खेतों में बिजली का उत्पादन कर सकेंगे :श्रीकान्त शर्मा

उत्तर प्रदेश के किसान आने वाले दिनों में अपने खेतों में कृषि उपज के साथ-साथ बिजली का भी उत्पादन करेंगे जिससे उनकी आय तो बढ़ेगी ही, प्रदेश के विकास की गाड़ी में ईंधन भी उनके खेत का होगा।

उत्तर प्रदेश के किसान आने वाले दिनों में अपने खेतों में कृषि उपज के साथ-साथ बिजली का भी उत्पादन करेंगे जिससे उनकी आय तो बढ़ेगी ही, प्रदेश के विकास की गाड़ी में ईंधन भी उनके खेत का होगा। यह बात उत्तर प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने विश्व एवं राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के उपलक्ष्य में यूपीनेडा की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में ‘पीएम किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान’ (कुसुम योजना – ए और सी) तथा आदित्य ऐप’ के शुभारंभ के मौके पर कही। 
उन्होंने कहा, ‘‘कुसुम-ए योजना के तहत किसान अपनी जमीन पर 0.5-2 मेगावॉट तक के सौर ऊर्जा संयंत्र लगा सकते हैं। मौजूदा वर्ष में सरकार कुल 75 मेगावाट की क्षमता के ऐसे सौर संयंत्र किसानों और विकासकर्ताओं की मदद से लगवाएगी। सरकार यह बिजली उचित दर पर खरीदेगी और किसान को प्रत्यक्ष लाभ होगा।’’ 
वहीं, कुसुम-सी के तहत मौजूदा निजी ट्यूबवेलों को ग्रिड कनेक्टेड सोलर पम्पसेट्स में बदला जाएगा। इसके लिए सब्सिडी भी दी जाएगी और सिंचाई के लिए किसान की बिजली पर निर्भरता समाप्त होगी। आमतौर पर 150-185 दिनों तक किसान सिंचाई करता है। अन्य दिनों में पैनल से बनी बिजली ग्रिड में जाएगी और किसान बिजली बेचकर भी आमदनी कर सकेगा। 

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ऊर्जा मंत्री ने यूपीडेस्को द्वारा बनाये गए आदित्य-टीएंडई ऐप को लांच करते हुए बताया, ‘‘यह ऐप प्रदेश के 6000 प्रशिक्षित सूर्यमित्रों के लिए रोजगार के पोर्टल और गैर प्रशिक्षित युवाओं को ट्रेनिंग और प्लेसमेंट दिलाने में मददगार होगा। वहीं आदित्य-सी ऐप की मदद से सौर ऊर्जा संयंत्रों का उपयोग कर रहे उपभोक्ता कोई खराबी आने पर उसे ठीक कराने के लिए नजदीकी सूर्यमित्र से संपर्क कर सकेंगे।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘भारत को जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में नौवां रैंक मिला है। पहली बार भारत टॉप 10 में आया है। ऐसा अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देकर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाने तथा ऊर्जा के बेहतर इस्तेमाल से हुआ। चीन, अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया भी रैंकिंग में हमसे काफी पीछे हैं।’’ ऊर्जा मंत्री ने बताया, ‘वर्ष 2022 तक उप्र में 10,700 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। सिंचाई के लिए 25,511 सोलर पंप दिए जा चुके हैं। प्राथमिक विद्यालयों में स्वच्छ पेयजल के लिए 2,727 सोलर आरओ वाटर प्लाण्ट लगाए जा चुके हैं। प्रदेशभर में 2 लाख 70 हजार सोलर स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं।’’ 
उन्होंने छात्रों और उपस्थित लोगों से कहा कि ऊर्जा संरक्षण और क्लीन एनर्जी-ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकार एलईडी बल्ब, सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर पंप, विंड एनर्जी, बायोमास फ्यूल, इलेक्ट्रिक वाहन और नैचुरल गैस को बढ़ावा दे रही है। इस मौके पर ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री ने छात्रों द्वारा बनाए गए ऊर्जा संरक्षण के प्रोजेक्ट्स पर उन्हें सम्मानित किया और सभी को ऊर्जा संरक्षण की शपथ दिलाई। 

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