सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर अपने ही दांव में फंस गए है। राजभर ने मंगलवार को खुद पर हमले का आरोप लगाते हुए एफआईआर कराई और धरना दिया था। अब उनका यह दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है। ओमप्रकाश राजभर और उनके दोनों बेटों के खिलाफ ही केस दर्ज हो गया है। हमले के आरोपियों की तरफ से पुलिस ने ओपी राजभर, उनके बेटे अरुण और अरविंद राजभर के साथ ही सपा प्रत्याशी मदन चौहान को नामजद करते हुए 17 लोगों पर केस दर्ज किया है।
कुछ लोगों ने घेर लिया, फिर
बता दें कि मंगलवार को ओमप्रकाश राजभर ने गौसलपुर गांव में कुछ युवकों पर हमला करने का आरोप लगाया था। विवाद तब हुआ जब कार्यकर्ता के घर शोक संवेदना जताने पहुंचे ओपी राजभर को देखकर 15-20 युवक लाठी डंडा लेकर पहुंच गए और मारपीट का प्रयास किया। हालांकि ओपी राजभर को कार्यकर्ता और सुरक्षाकर्मी अपने घेरे में लेकर गांव के बाहर निकाल लाए थे।
राजभर ने एसपी, एडीजी, यूपी पुलिस कंट्रोल रूम समेत सभी को घटना की सूचना दी। इसके साथ सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करके भाजपा सरकार पर कई आरोप लगाए। इसके बाद 16 लोगों पर केस दर्ज कराने के साथ ही गिरफ्तारी के लिए धरने पर बैठ गए थे।
इस मामले में राजभर समेत उनके बेटों पर भी गिरी गाज
राजभर को कार्रवाई के लिए 24 घंटे का आश्वासन मिला। लेकिन इससे पहले दूसरी ओर से आई तहरीर पर उन पर ही केस दर्ज हो गया है। करीमुद्दीनपुर पुलिस ने विश्वकर्मा सिंह की तहरीर पर 16 नामजद और एक अज्ञात पर 323, 504, 506, 147, 67 आईटी एक्ट का केस दर्जकिया गया है। मुकदमे में ओपी राजभर के दोनों बेटों अरविंद और अरुण राजभर पर सोशल मीडिया में भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करने का भी आरोप लगाया गया है।
सपा ने राजभर का वीडियो साझा कर साधा था यूपी सरकार पर निशाना
ज्ञात हो कि इससे पहले सपा ने ट्विटर के माध्यम से राजभर का एक वीडियो साझा किया है। इस वीडियो में राजभर ने कहा ‘आज मैं अपने साथियों के साथ एक मृतक के परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र गाजीपुर के जहूराबाद में गांव सभा गोशलपुर पहदरिया पहुंचा था। मैं बातचीत कर ही रहा था तभी लाठी-डंडे लिये 10-12 लोग गाली-गलौज करते हुए मारपीट करने के लिए तैयार हो गये।’