लखीमपुर खीरी जिले के निघासन इलाके में बुधवार शाम दो सगी बहनों का शव एक खेत में पेड़ से लटका मिला। दोनों लड़कियां दलित समुदाय से थीं। इस घटना के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने निघासन चौराहे पर सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। बच्चियों की मां ने पड़ोस के गांव के तीन युवकों पर उनकी बेटियों का अपहरण कर हत्या करने का आरोप लगाया है।
इस मुद्दे को लेकर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि बुधवार शाम निघासन कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से कुछ दूरी पर गन्ने के खेत में दो किशोरियों के शव पेड़ से लटके मिले। उन्होंने बताया कि दोनों लड़कियां दलित समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। इस घटना के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने निघासन चौराहे पर सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।
झोपड़ी के पास से अपहरण का आरोप
पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। सूत्रों ने बताया कि मृतक बच्चियों की मां ने आरोप लगाया है कि पड़ोस के गांव के रहने वाले तीन युवकों ने उनकी बेटियों को उनकी झोपड़ी के पास से अगवा कर मार डाला। उन्होंने कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मौत के वास्तविक कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही चल पाएगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अखिलेश ने हाथरस की घटना की तुलना की
इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की। घटना की तुलना हाथरस की घटना से करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ''निघासन थाना क्षेत्र में दो दलित बहनों का अपहरण करने के बाद और फिर उनके पिता का पुलिस पर आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के.'' उसका पोस्टमॉर्टम किया गया। लखीमपुर में किसानों के बाद अब दलितों की हत्या हाथरस की बेटी हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति है।
प्रियंका ने पूछा- कब जागेगी सरकार
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, 'लखीमपुर में दो बहनों की हत्या की घटना दिल दहला देने वाली है। परिजनों का कहना है कि दिन दहाड़े उन बच्चियों का अपहरण किया गया। रोज अखबारों और टीवी में झूठे विज्ञापन देने से कानून-व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती। आखिर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध क्यों बढ़ रहे हैं? कब खुलेगी सरकार की नींद?'