लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

कृषि कानूनों पर विपक्ष ने उठाए केंद्र की मंशा पर सवाल, मायावती ने की ‘भड़काऊ’ बयानों पर रोक लगाने की मांग

मायावती ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों की सभी मांगों के समाधान पर जोर देते हुए भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयानों पर रोक लगाने की मांग की है।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों की सभी मांगों के समाधान पर जोर देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के कथित भड़काऊ बयानों पर रोक लगाने की मांग की है। 
आंदोलनरत किसानों की जायज मांगों का करें सामयिक समाधान 
बसपा प्रमुख ने सोमवार सुबह ट्वीट किया, ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लगभग एक वर्ष से आंदोलनरत किसानों की 3 कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग स्वीकार किए जाने के साथ-साथ उनकी कुछ अन्य जायज मांगों का भी सामयिक समाधान जरूरी है ताकि वे संतुष्ट होकर अपने-अपने घरों को लौटकर अपने कार्यों में फिर से पूरी तरह जुट सकें।”
1637564086 m
प्रधानमंत्री लगाए BJP नेताओं की बयानबाजी पर लगाम
बीएसपी प्रमुख मायावती ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा,‘‘साथ ही, कृषि कानूनों की वापसी की केन्द्र सरकार की खास घोषणा के प्रति किसानों में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है कि भाजपा के नेताओं की बयानबाजी पर लगाम लगे जो प्रधानमंत्री की घोषणा के बावजूद अपने भड़काऊ बयानों आदि से लोगों में संदेह पैदा करके माहौल को खराब कर रहे हैं।”
1637564113 m2
BJP नेताओं ने किसानों के खिलाफ दिए भड़काऊ बयान  
उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा था, ‘‘विधेयक तो बनते-बिगड़ते रहते हैं, फिर वापस आ जाएंगे, दोबारा बन जाएंगे, कोई देर नहीं लगती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं मोदी जी को धन्यवाद दूंगा कि उन्होंने बड़ा दिल दिखाया और विधेयक के बजाय राष्‍ट्र को चुना। जिनके इरादे गलत थे, जिन्होंने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ और ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए, उन्हें करारा जवाब मिला है।’’
SP और कांग्रेस ने भी उठाए केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल 
ऐसे बयानों को आधार बनाकर रविवार को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने भी सत्तारूढ़ भाजपा की मंशा पर सवाल उठाए थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को कहा कि भाजपा का दिल साफ नहीं है और वह उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद इस संबंध में फिर से विधेयक लाएगी। कांग्रेस ने भी भाजपा नेताओं के बयान का हवाला देकर कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान को छलावा करार दिया।
कृषि कानूनों को वापस लाने वाले बयान आशंकाओं को ठहराते हैं सही 
कांग्रेस महासचिव और उत्‍तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने रविवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘भाजपा नेताओं के ‘चुनाव बाद कृषि कानूनों को वापस लाने’ वाले बयान किसानों की आशंकाओं को सही ठहराते हैं। भाजपा ने भूमि अधिग्रहण कानून के मामले में भी यही छल किया था।” उन्होंने कहा, ‘‘किसानों को चुनावों के समय कानून वापस लेने का छलावा नहीं, एमएसपी व फसल का हक लूटने वाले कानूनों का समूल नाश चाहिए।”

किसान महापंचायत की हुई शुरुआत 
इस बीच, केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी समेत विभिन्न मांगों को लेकर एक वर्ष से अधिक समय से आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वान पर लखनऊ के बंगला बाजार स्थित इको गार्डन में किसानों की महापंचायत सोमवार को शुरू हो गई जिसमें भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत कई प्रमुख किसान नेता शामिल हो रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 4 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।